शिवसेना का दोहरापन: खुद से नहीं संभल रहा महाराष्ट्र, सोनू सूद पर लगा रहे झूठे आरोप
देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शासित महाराष्ट्र प्रभावित है. महाराष्ट्र में कोरोना के वीभत्स रूप के बीच जब पूरा देश अभिनेता सोनू सूद की तारीफ कर रहा है तो शिवसेना अपनी नाकामियां छिपाने के लिए उन्हें निशाना बना रही है.
मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से मचे हाहाकार से पूरे देश को उसकी चिंता है. भारत में कोरोना संक्रमण का सबसे भयावह रूप महाराष्ट्र में ही देखने को मिल रहा है. मुंबई में प्रवासी मजदूरों को सहायता देकर उन्हें उनके घर भेजने का प्रबंध करने वाले अभिनेता सोनू सूद की पूरे देश में तारीफ हो रही है. ये तारीफ सुनकर शिवसेना बौखला गयी है. उसने सामना में सोनू सूद को भाजपा का प्यादा करार दिया.
सोनू सूद की सराहना से बौखला गयी शिवसेना
महाराष्ट्र सरकार के फेल हो जाने पर सोनू सूद को प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए आगे आना पड़ा. इससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया. लोग कहने लगे कि उद्धव सरकार लोगों को कोरोना से बचाने में नाकाम रही. इस पर शिवसेना आगबबूला हो गयी और सोनू सूद पर मिथ्या आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने में जुट गई ताकि शिवसेना अपनी नाकाम सरकार के कुकृत्यों को छिपा सके.
सोनू सूद को बताया भाजपा का प्यादा
गौरतलब है कि शिवसेना ने एक्टर सोनू सूद को बीजेपी का प्यादा कहा है. शिव सेना के मुखपत्र सामना में पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी सोनू सूद का इस्तेमाल सरकार पर हमला करने के लिए कर रही है. संजय राउत ने लेख में लिखा कि लॉकडाउन के दौरान अचानक सोनू सूद नाम से नया महात्मा तैयार हो गया. प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए उनके नाम की चर्चा हो रही है. इस बयान से शिवसेना की खीज का पता चलता है.
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सोनू सूद को भाजपा ने गोद लिया- शिवसेना
शिवसेना केवल यहीं नहीं रुकी, उसने सोनू सूद पर अपना कोई भी आरोप बकाया नहीं रखा. सोनू सूद की जनसेवा से शिवसेना इतनी नाराज है कि उसे अपनी जोड़ तोड़ वाली सरकार के जाने का डर भी सताने लगा. सत्ता के लिए अपने धुर विरोधियों की गोद में बैठने वाली शिवसेना ने सोनू सूद को भाजपा द्वारा गोद लिया हुआ बता दिया. शिवसेना ने सामना में लिखा है कि महाराष्ट्र के कुछ राजनीतिक दल सोनू सूद का इस्तेमाल उद्धव सरकार पर आरोप लगाने के लिए कर रहे हैं. ये लोग सोनू सूद को सुपरहीरो के तौर पर पेश करने में सफल रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की मदद के बिना वे कुछ नहीं कर सकते थे. बीजेपी के कुछ लोगों ने सोनू सूद को एडॉप्ट किया है.
बड़ी बात ये है कि यदि कोई व्यक्ति भाजपा के इशारे पर ही जनसेवा कर रहा है और गरीब मजदूरों को उनके घर भेज रहा है तो ये भाजपा के लिए पारितोषिक है. भाजपा के इशारे पर जनसेवा करने का सोनू सूद पर आरोप लगा रही शिवसेना ने भाजपा की परोक्ष रूप से तारीफ ही की है.