नई दिल्ली: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले पर वाराणसी की जिला अदालत आज दो अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. इनमें मस्जिद की कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी कराने और वुज़ूख़ाना के आसपास के इलाके को सील करने की मांग की गई है. इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को गोपनीयता भंग करने के आरोप में पद से हटा दिया गया. साथ ही अदालत ने सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिये 2 दिन का वक्त और दिया है.


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वाराणसी जिला अदालत में 2 याचिकाओं पर सुनवाई


ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम पूरा होने के बाद निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि आखिर कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट क्या कहती है. कोर्ट कमिश्नर को सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिये दो दिन की मोहलत मिल गई है.


हालांकि ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावे ने लोगों की बेताबी और बढ़ा दी है, लेकिन उससे पहले जिला अदालत आज इस मामले से जुड़ी दो अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. पहली याचिका में कोर्ट से तीन मांग की गई हैं.


वुज़ूख़ाना के पास का सील करने की मांग


पहली मांग-
ज्ञानवापी मस्जिद के जिस इलाके को शिवलिंग मिलने के दावे के बाद सीज किया गया है, उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं. उस नल का इस्तेमाल नमाज़ी वुज़ू के लिए करते हैं, इलाका सील होने की वजह से नमाज़ियों के वुज़ू के लिये बाहर व्यवस्था की जाए.


दूसरी मांग-
ज्ञानवापी मस्जिद के सील हुए इलाके में शौचालय भी हैं, जिनका इस्तेमाल नमाज़ी करते हैं. नमाज़ियों के वहां जाने पर रोक है, ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए.


तीसरी मांग-
सील किये गये तालाब में कुछ मछलियां भी हैं. ऐसे में उन्हें खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं. उन मछलियों को अब कहीं और पानी में छोड़ा जाए.


कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी की मांग


वहीं दूसरी याचिका में महिला पक्ष की ओर से मांग की गई है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित बड़ी नंदी के ठीक सामने बंद दीवार को तोड़कर रास्ता दिया जाए और शिवलिंग वाली जगह पर पूजा की इजाजत और कमीशन के काम में छूट की इजाज़त भी मिले.


याचिकाकर्ता सीता साहू ने कहा है कि ''हमने याचिका डाली है, वहां वजू न किया जाये, न मछलियां रहें, शिवलिंग के पास वाला मलबा साफ हो वहां की दीवार तोड़ी जाये. नवत्रा चतुर्थी को हमने श्रृंगार गौरी में चौखठ का पूजा किया था, अब मूर्ति मिले, वहां कोई फव्वारा नहीं हमारे बाबा का शिवलिंग है.'


इस बीच  ज्ञानवापी मस्जिद समेत कई मसलों को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की एक्ज़ीक्यूटिव कमेटी की बैठक हुई. बैठक में सहमति बनी कि बोर्ड की लीगल कमिटी केस लड़ने में मुस्लिम पक्ष की हर संभव मदद करेगी. साथ ही बोर्ड 1991 के वर्शिप एक्ट पर केंद्र सरकार और अन्य राजनीतिक दलों का पक्ष भी जानेगी.


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