लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार को घेरने के लिए नागरिकता सत्याग्रह चलाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता तो लोकलुभावन बातें करने के मास्टर हैं. उनका ताजा बयान है कि युवा अराजकता को नापसंद करते हैं. हकीकत यह है कि भाजपा सरकार ही अराजकता को आमंत्रित करती है. अव्यवस्था फैलाना उनका एजेंडा है. देश भर में नोटबंदी, जीएसटी के बाद NRC, CAA और NPR जैसे कदमों से देश में अव्यवस्था, हिंसा और अराजकता ही बढ़ी है. इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है और इसके विरोध में समाजवादी पार्टी 'नागरिकता सत्याग्रह' करेगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गांधी जी ने जो दक्षिण अफ्रीका में किया वो यूपी में करना चाहते हैं अखिलेश


अखिलेश यादव ने बयान जारी करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में 1895 ई0 में इमीग्रेशन लॉ संशोधन बिल में भी तमाम प्रतिबंध थे, जिसे खूनी कानून बताते हुए गांधीजी ने इसके खिलाफ सत्याग्रह ‘पैसिव रेसिस्टेंस का अभियान छेड़ दिया था. गांधीजी ने 11 सितंबर 1906 को दक्षिण अफ्रीका के शहर नटाल के नाट्य सभागार में आयोजित एक सभा में कहा था "मर जाना किन्तु कानून के सामने सिर न झुकाना." भाजपा राज की एक ही बड़ी उपलब्धि है कि देश की कुल सम्पत्ति चंद घरानों की बंधक बनकर रह गई है. 



अखिलेश ने कहा आर्थिक असमानता से परेशान हो गया है देश


विश्व इनइक्वैलिटी डेटा बेस के अनुसार देश के 90 प्रतिशत भारतीय महीने में 12 हजार से भी कम बमुश्किल कमा पाते हैं. देश के नागरिकों की यह दुर्दशा आर्थिक असमानता के कारण पैदा हुई है. आम लोग इसके शिकार हैं. लोगों की जिंदगी तबाह है, जहां कुछ अकूट सम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं, वहीं बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें न छत नसीब है और न हीं दो वक्त की सूखी रोटी. वे भयानक गरीबी में जीने को मजबूर हैं.


बेरोजगारी की तो जैसे बाढ़ आ गई


भाजपा सरकार पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में नौजवान सबसे ज्यादा उनके धोखे के शिकार हुए हैं. उनसे वादा किया गया था कि हर वर्ष 2 करोड़ नौकरियां मिलेंगी. रोजगार के अवसर तो सृजित हुए नहीं उल्टे नोटबंदी-जीएसटी के चलते तमाम उद्योग-धंधे बंद हो गए. कर्मचारियों की छंटनी हो गई और बेरोजगारों की बाढ़ आ गई.


अर्थव्यवस्था मंदी की शिकार हो गई है. बैंकों में गरीबों का जमा धन लुटकर सैकड़ों बड़े व्यापारी विदेश चले गए. स्थिति आज यह है कि समाज का हर वर्ग परेशान है. भाजपा सरकार जनहित की एक भी योजना लागू नहीं कर सकी है. समाजवादी सरकार ने विकास को जो दिशा दी थी, उसमें भाजपा ने अवरोध पैदा कर दिया है. भाजपा को लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करना चाहिए.