लखनऊ: रामलला को पुराने टेंट से निकलकर सीएम योगी नए अस्थायी मंदिर में उन्हें विराजमान कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन किया था उसने अपना नया प्रतीक चिन्ह(LOGO) जारी किया है. पुराने चिन्ह में वर्तनी की अशुद्धि होने के कारण लोग उसकी आलोचना कर रहे थे.


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जानिए क्या हो गयी चूक


श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि दरअसल ट्रस्ट के लोगों में प्रतीक चिन्ह में 'हलंत' की भूल सामने आई थी, इसे शुद्ध कर लिया गया है. हमने भूल सुधार किया है और भक्तों को कष्ट के लिए हम क्षमा याचना करते हैं.


कोरोना पर गरीबों के संकटमोचक बने सीएम योगी, कर चुके हैं कई योजनाओं की शुरुआत.


इस तरह बना है नया LOGO


उल्लेखनीय है कि इस लोगो में सूर्यवंशी भगवान श्रीराम के साथ ही संकटमोचक हनुमान को भी दर्शाया गया है. प्रतीक चिन्ह की ऊपरी परिधि पर सूर्यवंश के निशान के बीच श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र लिखा हुआ है. साथ ही इसके दोनों ओर हनुमान नमन मुद्रा में विराजमान हैं. आधार पट्टी पर 'रामो विग्रह्वान् धर्म:' अंकित है. पहले जारी हुए लोगो में 'विग्रह्वान' लिखा था, जिसे अब 'विग्रह्वान्' कर दिया गया है. यानी राम धर्म का साकार रूप हैं. पहले विग्रहवान में हलंत नहीं लगा था.


ट्रस्ट के इस प्रतीक चिन्ह में भगवान श्रीराम की छवि अभयदान देने वाली मुद्रा में है. इतना ही नहीं, इस LOGO में लाल, पीले और भगवा रंग का उपयोग किया गया है.


कोरोना से लड़ने के लिए दिए ट्रस्ट ने दिए 11 लाख रुपये


गौरतलब है कि पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इमरजेंसी फंड का ऐलान किया है. इस रकम का इस्‍तेमाल मौजूदा संकट से निपटने में किया जाएगा.


 इसी अपील के तहत राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी 11 लाख रुपये का योगदान दिया है. राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 11 लाख रुपए का चेक डीएम अनुज कुमार झा को सौंपा. इस दौरान ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र व विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने इस सहायता राशि का चेक डीएम को सौंपा था.