Farmers Protest: ये तो `गणतंत्र` से गद्दारी की साजिश है!
आतंकी संगठन एसजेएफ ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 250,000 अमेरिकी डॉलर इनाम देने का ऐलान किया है.
नई दिल्ली: किसान आंदोलन में खालिस्तानी गैंग की घुसपैठ की परतें खुलती जा रही हैं. भोले-भाले अन्नदाताओं को अपने नापाक एजेंडे का चारा बनाने के लिये इस गैंग ने पहले इमोशन को भुनाया. दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को सामान, सुविधाओं और पैसे की मदद कर हमदर्दी हासिल की. और अब डर और लालच के जरिये उन्हें देशविरोधी साजिश का चारा बनाने का खतरनाक खेल जोरों पर है.
उसी का ताजा सबूत है, खालिस्तानी (Khalistan) आतंकी गुट- सिख फॉर जस्टिस यानी SJF की वो इनामी चिट्ठी, जिसमें लालच देकर आंदोलन कर रहे अन्नदाताओं को देशविरोध के लिये उकसाया गया है.
'उकसावे' का एलान, डॉलर में इनाम!
आतंकी संगठन एसजेएफ ने चिट्ठी में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 250,000 अमेरिकी डॉलर इनाम देने का ऐलान किया है. इससे पहले भी एसजेएफ का आतंकी आका गुरपतवंत सिंह (Gurpatwant Singh Patwant) ने वीडियो मैसेज जारी किया था. वो वीडियो 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर ट्रैक्टर मार्च का उकसावा था. उस वीडियो में दिल्ली ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने वाले हर ट्रैक्टर ट्रॉली को दस हजार रुपये देने का भरोसा दिया गया था. इस ट्रैक्टर मार्च के जरिये पन्नू प्रदर्शनकारी किसानों को संसद पर कब्जे के लिये भी उकसा रहा था.
किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान की मांग उठाने के लिये ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका में सिख समुदाय को भी पन्नू ने ही उकसाया. आपको बता दें कि आतंकी संगठन एसजेएफ (SJF) की देशविरोधी गतिविधियों को देखते हुए मोदी सरकार पहले ही उस पर प्रतिबंध लगा चुकी है.
गुरपतवंत सिंह पन्नू समेत दस मोस्ट वॉन्टेड NIA की प्राइम लिस्ट में है. जिन चालीस वेबसाइट्स के जरिये आतंकी संगठन SJF पंजाब में अलगाववाद को भड़काने में जुटा था, उस पर सरकार बैन लगा चुकी है.
किसान आंदोलन के शुरुआती दिनों में ही पन्नू ने इसमें खालिस्तानी घुसपैठ की साजिश रच दी थी. पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने मीडिया में आकर तभी इसका अंदेशा भी जताया था.
कैप्टन अमरिंदर की आशंका सही निकली!
अमरिंदर सिंह का वो अंदेशा अब पूरी तरह सही साबित होता दिख रहा है. पन्नू अपने आतंकी एजेंडे को परवान चढ़ाने के लिये लालच के बाद डर की साइकोलॉजी को भी आजमा रहा है. एसजेएफ अपने यूट्यूब चैनल के जरिये आंदोलन में शामिल सिख प्रदर्शनकारियों को कत्लेआम का डर दिखा रहा है, ताकि वो सरकार के खिलाफ बगावत पर उतर आएं.
अपने यूट्यूब चैनल के जरिये वो आंदोलन में घुसे अराजक तत्वों को अपनी साजिश का हिस्सा भी बना रहा है. चौंकाने वाली बात तो ये है कि पन्नू भारतीय सेना में भी हिंदू-सिख के नाम पर फूट डालने की कोशिश में जुटा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार से आंदोलन की आड़ में की जा रही साजिशों का कच्चा चिट्ठा मांग लिया है. इसीलिये आतंकी संगठन एसजेएफ ने प्रदर्शनकारियों को उकसाने के लिये पूरी ताकत झोंक दी है. पैसे का लालच तो ठीक, लेकिन आंदोलन में खूनखराबे का डर दिखाकर जिस तरह एसजेएफ भोलेभाले प्रदर्शनकारियों को उकसाने में लगा है वो वाकई खतरनाक है. इसकी गंभीरता को समझना हिन्दुस्तान के अन्नदाताओं के लिये बेहद जरूरी है.
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