Shaniwar Mantra: शनिवार रात को इन मंत्रों का जाप करें, शनि देव दूर कर देंगे सारे कष्ट!

 Shaniwar Mantra and Aarti:शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उपाय किए जाते हैं. शनिवार की रात को आप शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी आरती और उनके मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 16, 2024, 03:04 PM IST
  • शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित
  • प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप करें
Shaniwar Mantra: शनिवार रात को इन मंत्रों का जाप करें, शनि देव दूर कर देंगे सारे कष्ट!

नई दिल्ली: Shaniwar Mantra and Aarti: शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है. ऐसा कहां जाता है कि शनि देव क्रोधित हो जाते हैं तो किसी को भी बर्बाद कर सकते हैं. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोग अपनी ओर से कई उपाय करते हैं. लेकिन आप चाहें तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं. इन मंत्रों का उच्चारण करने के लिए शनिवार रात का समय सबसे सही है.



इस मंत्र का जाप जरूर करें

जब भी आप शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें, इस मंत्र कका जाप जरूर करें. इसके उच्चारण से शनि देव आपसे प्रसन्न होंगे, आपके जीवन में आने वाले कई कष्ट दूर होंगे.

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।

दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।

गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।

आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।



शनि देव का वैदिक मंत्र

आप चाहें तो शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनके वैदिक मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. यदि आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं, आपको बिजनेस में घाटा हुआ है, तो इस मंत्र का जाप करें. इससे आपकी आर्थिक परेशानियां दूर होंगी.

ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

शनि देव का एकाक्षरी मंत्र

ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने का शनि मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।

उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।



शनिदेव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव॥



श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।

नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव॥



क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव॥



मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव॥



देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव॥



(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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