अड़े हुए हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, पहले दिन की `बातचीत बेनतीजा`
CAA की आड़ में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी थेथरई पर अड़े हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों ने पहले दिन इन्हें बहुत समझाने की कोशिश की. लेकिन, पहले दिन की बातचीत बेनतीजा रही. कल फिर तीनों वार्ताकार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचेंगे.
नई दिल्ली: शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से पूरी दिल्ली परेशान है. शाहीन बाग की सड़क जाम होने के चलते ना सिर्फ लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि इससे सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है. लेकिन इससे इन प्रदर्शनकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है. तभी तो आज की बातचीत बेनतीजा रही.
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से नहीं बनी बात
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से पहले दिन की बातचीत बेनतीजा
वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन बातचीत करके रवाना
वजाहत हबीबुल्लाह की प्रदर्शनकारियों से बातचीत इसके बाद भी जारी रही
तीनों वार्ताकार शाहीन बाग में कल भी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करेंगे
संवाद से दिल्ली के शाहीन बाग में सड़क खुलवाने की कोशिशें शुरु हो गई हैं. आज सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त किये गये वार्ताकार, प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिये पहुंचे. बातचीत हुई लेकिन ये बेनतीजा रही. वार्ताकारों का कहना है कि वो अभी प्रदर्शनकारियों की बातों को सुन और समझ रहे हैं और बातचीत को आगे बढ़ाने वो कल फिर आएंगे.
मीडिया के सामने बात करने से किया इंकार
प्रदर्शनकारियों ने पहले ही अपना रुख साफ कर दिया था कि वो किसी से भी बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन उनकी मांग पूरी हुए बिना वो अपना धरना खत्म नहीं करेंगे. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों ने उनसे बातचीत के लिए शाहीन बाग पहुंचे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के सामने बात करने से इंकार कर दिया. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी वार्ताकारों से अकेले में बात करना चाहते थे. अकेले में बातचीत भी हुई, लेकिन बात बनी नहीं और आखिरकार संवाद का पहला दिन बेनतीजा साबित हो गया.
"चोर की दाढ़ी में तिनका", मीडिया से क्यों बच रहे हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी?
हालांकि प्रदर्शनकारियों का अंदाज बता रहा है कि जल्द सड़क से हटने का उनका कोई इरादा नहीं है. कई प्रदर्शनकारी तो कह रहे हैं कि अगर बातचीत करनी थी तो पहल इससे पहले क्यों नहीं की गई. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये शाहीन बाग में संवाद की आखिरी कोशिश है? और क्या बिरयानी गैंग की साज़िश में फंस गया है सुलह का रास्ता?
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आपको ये जानकर हैरान होगी कि शाहीन बाग के प्रदर्शन के चलते देश की संपत्ति को 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. इसके चलते सरकारी खजाने को खासा नुकसान पहुंचा है. इस पूरे धरने के चलते कैसे करोड़ों का नुकसान हो रहा है, ये आपको विस्तार से बताएंगे.
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