"चोर की दाढ़ी में तिनका", मीडिया से क्यों बच रहे हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी?

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों की बातचीत के लिए पहुंचे. लेकिन प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के सामने कोई भी बात करने से इंकार कर दिया. जिससे देश विरोधी गतिविधि एक बार फिर सामने आ गई. साधना रामचंद्रन ने कहा- प्रदर्शन आपका हक है, लेकिन दूसरों का हक न छीने. 

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Feb 19, 2020, 04:13 PM IST
    1. प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के सामने बात करने से किया इंकार
    2. वार्ताकारों से अकेले में बात करना चाहते हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी
    3. मीडिया की मौजूदगी में सारी बातें संभव नहीं हैं- साधना रामचंद्रन
    4. संजय हेगड़े ने कहा, "मीडिया पहले हमें अकेले में बात करने दे"
"चोर की दाढ़ी में तिनका", मीडिया से क्यों बच रहे हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी?

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में बंद रास्ते को खुलवाने के लिए आज प्रदर्शनकारियों से मिलने वार्ताकार पहुंचे हैं. सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त वार्ताकार संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीवुल्लाह की टीम आज दोपहर शाहीन बाग धरना स्थल पर पहुंचे हैं. लेकिन, प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के सामने कोई भी बात करने से इंकार कर दिया.

"चोर की दाढ़ी में तिनका"

  1. प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के सामने बात करने से किया इंकार
  2. वार्ताकारों से अकेले में बात करना चाहते हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी
  3. मीडिया की मौजूदगी में सारी बातें संभव नहीं हैं- साधना रामचंद्रन
  4. साधना रामचंद्रन ने कहा कि "हम यहां कोई फैसला करने नहीं आए हैं"
  5. संजय हेगड़े ने कहा, "मीडिया पहले हमें अकेले में बात करने दे"

प्रदर्शनकारी, वार्ताकारों से बातचीत के लिए तैयार तो हैं. लेकिन इनका कहना है कि पहली शर्त ये है कि मीडिया के सामने कोई बातचीत नहीं होगी. इसके अलावा इनका ये भी कहना है कि जब तक सीएए नहीं हटता, तब तक धरने से नहीं हटेंगे. इस दौरान शाहीन बाग के वार्ताकारों ने मीडिया से अपील की कि हमें अकेले में बात करने दे. जिसके बाद संवाद तो शुरू हो गया, लेकिन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया.

मीडिया से मारपीट होगी लेकिन सामने बात नहीं

प्रदर्शन के नाम पर गुंडागर्दी का भी नजारा शाहीन बाग से सामने आ चुका है. पत्रकारों के साथ मारपीट करने के लिए ये लोग खुलेआम गुंडागर्दी तो करते हैं, लेकिन जब वार्ताकारों से बातचीत मीडिया के सामने नहीं हो पाती है. आपको बताते हैं कि शाहीन बाग प्रदर्शन में अबतक, क्या-क्या हुआ

शाहीन बाग में कब, क्या हुआ ? 

15 दिसंबर 2019 : CAA के खिलाफ सैकड़ों महिलाओं ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया 
10 जनवरी 2020 : दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रदर्शन हटाने का आदेश देने से इंकार किया 
12 जनवरी 2020 : शशि थरूर शाहीन बाग विरोध में पहुंचे, प्रदर्शनकारियों के समर्थन का ऐलान
13 जनवरी 2020 : हाईकोर्ट ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग सड़क पर PIL स्वीकार की 
14 जनवरी 2020 : हाईकोर्ट का दिल्ली पुलिस से जनहित में व्यवस्था बनाने का आदेश
14 जनवरी 2020 : दिल्ली पुलिस का बयान- 'प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग नहीं किया जाएगा'
15 जनवरी 2020 : दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोगों से बातचीत शुरू की 
16 जनवरी 2020 : पुलिस की अपील को प्रदर्शनकारियों ने ठुकराया, वार्ता विफल रही ।
18 जनवरी 2020 : दिल्ली हाईकोर्ट में सरिता विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने याचिका दायर की 
19 जनवरी 2020 : हाईकोर्ट ने छात्रों की परेशानी, एंबुलेंस जैसी ज़रूरी सेवाओं के लिए आदेश जारी किया
21 जनवरी 2020 : सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, कालिंदी कुंज-शाहीन बाग में यातायात सुचारू करने की अपील
21 जनवरी 2020 : दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की 
21 जनवरी 2020 : NCPCR ने प्रदर्शन में भाग ले रहे बच्चों की पहचान और काउंसलिंग की राय दी 
01 फरवरी 2020 : शाहीन बाग में कपिल गुर्जर नाम के शख्स ने गोलियां चलाईं, पुलिस ने गिरफ्तार किया 
01 फरवरी 2020 : केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान- 'सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत को तैयार'
10 फरवरी 2020 : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान- 'विरोध के लिए सड़कें नहीं रोक सकते'
13 फरवरी 2020 : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बयान- 'सभी को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है'
13 फरवरी 2020 : जो कोई भी CAA से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, वह समय मांग सकता है- अमित शाह 
15 फरवरी 2020 : प्रदर्शनकारियों ने चर्चा का प्रस्ताव स्वीकार किया, रविवार (16 फरवरी) 2 बजे का वक्त मांगा 
15 फरवरी 2020 : SDM शाहीन बाग पहुंचे,  मुलाकात और चर्चा के लिए 10 लोगों का प्रतिनिधिमंडल बनाने को कहा
15 फरवरी 2020 :  प्रदर्शनकारियों ने 10 लोगों का प्रतिनिधिमंडल बनाने से इंकार किया
16 फरवरी 2020 : प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्रालय तक जाने की कोशिश की, दिल्ली पुलिस ने रोका 
17 फरवरी 2020 : सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के लिए 3 वार्ताकार नियुक्ति किये
17 फरवरी 2020 : वार्ताकारों को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करके समाधान निकाले की जिम्मेदारी

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने मीडिया के सामने वार्ताकारों से बात करने से इंकार किया तो वार्ताकारों ने मीडिया से अपील की. आपको बताते हैं कि वो कौन-कौन से 3 वार्ताकार हैं, जो शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंचे हैं.

'संवाद' से समाधान या जारी रहेगा 'संग्राम'
 
संजय हेगड़े

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील हैं और कर्नाटक सरकार के भी वकील रहे हैं. हेगड़े असम NRC, मॉब लिंचिंग मामले में वकील रहे हैं. नाज़ी विरोधी पोस्ट के लिए ट्विटर अकाउंट बंद किया गया था.

साधना रामचंद्रन

सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील हैं. विवादों को समाधान के लिए बनी है माध्यम इंटरनेशनल की सीनियर उपाध्यक्ष हैं और सालों तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जुड़ी रही हैं.

वजाहत हबीबुल्लाह

वजाहत 1968 बैच के IAS अफसर रहे हैं. वो देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त रहे और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही कश्मीर के 8 जिलों के डिविज़नल कमिश्नर रहे. इन्होंने J&K को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की आलोचना की थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने भी ये साफ कर दिया है कि लोगों को परेशान करके और सड़क जाम करके किया जाने वाला आंदोलन संविधान के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि देश में किसी को भी विरोध का हक है, लेकिन रास्ता बंद करने के अधिकार के साथ बिलकुल नहीं. ऐसे में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने बार-बार ये साबित किया है कि उनका ये आंदोलन संविधान विरोधी और गैरकानूनी है.

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