नई दिल्ली: देशभर में एक बार फिर से कोरोना की लहर दौड़ पड़ी है. लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार और प्रशासन फिर से सख्ती अपना रही है. वहीं पिछले 24 घंटों में जो कोरोना का नया मामला आया है, उसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.



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महज 24 घंटे में भारत में कोरोना के कुल 2 लाख 34 हजार से ऊपर नए केस सामने आए हैं. वहीं कोविड 19 से जुड़ा एक नया रिपोर्ट सामने आया है जिसमें कोरोना को लेकर नए दावे पेश किए गए हैं. 


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प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल 'द लांसेट' में कोरोना को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है जिसमें बताया गया है कि एक स्टडी के अनुसार कोविड का संक्रमण ज्यादातर ट्रांसमिशन हवा के रास्ते (aerosol) फैल रहा है.


इतना ही नहीं स्टडी में यह भी पाया गया कि जो इंसान क्वारंटीन में रह रहा है. उसकी वजह से क्वारंटीन होटों में सटे हुए कमरों से भी हवा के जरिए नया कोरोना संक्रमण फैल रहा है. यह ट्रांसमिशन बिना खांसी, छींक के भी एक तिहाई केस इमारतों के अंदर संक्रमण बाहर के मुकाबले ज्यादा फैल रहे हैं.


रिपोर्ट में पाया गया कि कड़े नियमों के बावजूद भी अस्पतालों के अंदर संक्रमण लैब में 3 घंटे तक वायरस हवा में संक्रामक हालत में रहता है. इसकी वजह है लैब में SARS-CoV-2 वायरस का हवा में मिलना.


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स्टडी के बाद मास्क को भी नहीं बताया सुरक्षित
जब से द लांसेट की रिपोर्ट जारी हुई है तब से कुछ लोगों का दावा है कि कोरोना से बचने के लिए मास्क भी कोई सुरक्षित उपाय नहीं है. इतना ही नहीं घर, अस्पताल और होटलों को भी इस स्टडी में सुरक्षित नहीं बताया गया है.


लैब भी है असुरक्षित
जहां पर एसी का इस्तेमाल होता है उसे भी असुरक्षित बताया गया है. यहां तक कि लैब में कोरोना की जांच करवाने को भी असुरक्षित बताया गया. 


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