नई दिल्लीः Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मंगलवार 23 जुलाई को लोकसभा में पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं. यह मोदी सरकार के कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है. इस दौरान वित्त मंत्री ने कई छोटे-बड़े ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री ने एंजेल टैक्स को पूरी तरह से बंद करने का ऐलान कर दिया है. 


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2012 में लाया गया था एंजेल टैक्स 
ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर एंजेल टैक्स क्या था और इस कब, क्यों और किस लिए लागू किया गया था. साथ ही हम यह भी समझने की कोशिश करेंगे की इसके खत्म हो जाने से हमें किस तरह के फायदे मिलेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो भारत में साल 2012 में एंजेल टैक्स लागू किया गया था. 


जानें क्या होता है एंजेल टैक्स 
दरअसल, एंजेल टैक्स उन अनलिस्टेड बिजनेस पर लागू किया जाता था, जो एंजेल निवेशकों से फंडिंग हासिल करते थे. इसे अगर बहुत सरल भाषा में कहे, तो जब कोई स्टार्टअप किसी एंजेल निवेशक से फंड लेता था तो उसे इस पर भी टैक्स चुकाना पड़ता था. ये पूरी प्रक्रिया आयकर अधिनियम 1961 की धारा 56 (2) (vii) (b) के तहत होती थी.


क्यों लाया गया था एंजेल टैक्स
बता दें कि एंजेल टैक्स को मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए लाया गया था. इसके अलावा इस टैक्स के माध्यम से तमाम बिजनेस को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश की जा रही थी. सरकार इसे भले ही अच्छे मंसूबों के साथ लाई थी, लेकिन इससे कई स्टार्टअप्स को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा था. लिहाजा पिछले कई सालों से देश में इसका विरोध हो रहा था. 


एंजेल टैक्स खत्म हो जाने के फायदे 
रिपोर्ट्स की मानें, तो अब इस टैक्स के खत्म हो जाने के बाद देश के स्टार्टअप्स को फायदा होगा. गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप्स की बढ़ोतरी हुई है. साथ ही कई स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न भी बने हैं और मोदी सरकार का लक्ष्य ही देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना रहा है. ऐसे में इससे देश में स्टार्टअप्स को कई तरह की मदद मिल सकती है. 


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