नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. ब्रह्मकुमारी आश्रम जगनेर में रह रही दो सगी बहनों शिखा और एकता ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली. इससे पहले दोनों ने चार पेज का एक सुसाइड नोट लिखा है. इसमें दोनों बहनों ने आश्रम के चार कर्मचारियों पर रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.


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बहनों ने योगी आदित्यनाथ से की खास अपील
सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए लिखा कि अपराधियों को आशाराम बापू की तरह ही आजीवन कैद की सजा दी जाए. इस मामले से पूरे शहर में सनसनी फैल गई है. फिलहाल सुसाइड नोट को आधार बनाते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. जिन लोगों का नाम सुसाइड नोट में पाया गया है, उनसे पुलिस पूछताछ करेगी. 


सुसाइड से पहले चार पेजों का लिखा नोट 
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो सुसाइड से पहले दोनों बहनों ने चार पेजों का सुसाइड नोट लिखा था. इसमें एक बहन ने एक पन्ने पर अपनी पूरी दर्दभरी कहानी कही, जबकि दूसरी ने अपनी पीड़ा तीन पेजों में लिखी. उन्होंने सुसाइड नोट में बताया है कि वे दोनों बहनें पिछले एक साल से परेशान थीं. उनकी मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला जिम्मेदार है.


सेंटर में साथ रहने का आश्वासन दिया था
इन चारों के खिलाफ दोनों बहनों ने योगी सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. सुसाइड नोट में एकता ने लिखा कि नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था लेकिन सेंटर बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया. एक साल से हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने हमारी नहीं सुनी. उसका साथ उसके पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया. पंद्रह साल तक साथ रहने के बाद भी ग्वालियर वाली महिला से संबंध बनाता रहा. इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है. 


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