लखनऊ: इस्लामिक संस्थानों और मौलवियों ने समुदाय के सदस्यों से जुमे की नमाज के दौरान शांति बनाए रखने का आग्रह किया है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (आईसीआई) ने छह सूत्री एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जुमे की नमाज से पहले या बाद में कोई नारेबाजी, विरोध और प्रदर्शन नहीं होना चाहिए.


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'आईसीआई' सभी मुसलमानों से अपील करता है कि वे मस्जिद में या उसके बाहर जुमे की नमाज से पहले या बाद में किसी भी तरह के नारे, विरोध या प्रदर्शन का सहारा न लें. समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वालों सहित विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों ने हाल के मुद्दों को सही मंच पर सही तरीके से उठाया है.


रशीद फिरंगी महली क्या बोले
आईसीआई के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, चैनलों और समुदाय को व्यक्तिगत रूप से या भीड़ के रूप में इस मुद्दे को उठाने में खुद को शामिल नहीं करना चाहिए.


उन्होंने जोर देकर कहा कि मुसलमानों को नमाज के लिए मस्जिद में शांति से इकट्ठा होना चाहिए, समाज में शांति, सांप्रदायिक सद्भाव के लिए विशेष प्रार्थनाएं करनी चाहिए और शांति से मस्जिद से तितर-बितर हो जाना चाहिए.


एडवाइजरी में कहा गया है कि मस्जिदें नमाज अदा करने के लिए होती हैं और इनका इस्तेमाल नमाज अदा करने के लिए किया जाना चाहिए.
मौलाना कल्बे जवाद सहित कई अन्य मौलवियों ने भी समुदाय के सदस्यों से किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन से परहेज करने और जुमे की नमाज अदा करने के बाद अपने घरों को लौटने को कहा है.


सुरक्षा के कड़े इंतजाम
उत्तर प्रदेश में इस बार शुक्रवार की नमाज से पहले शहर-शहर में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं. पीएसी की 132 कंपनियां लगाई गई हैं. रैपिड एक्शन फोर्स की 10 टुकड़ी भी तैनात की गई है. 

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