तिरुवनंतपुरम. गुजरात दंगों पर बने बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को मंगलवार को वाम समर्थक स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) सहित विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने पूरे केरल में दिखाया. उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के गुजरात के मुख्यमंत्री थे. डॉक्यूमेंट्री को दिखाए जाने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा शाखा ने प्रदर्शन किया.


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राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शन
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को मंगलवार को राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शित किया गया जिसके विरोध में भाजपा के युवा मोर्चा ने प्रदर्शन किया. भाजपा को अप्रत्याशित रूप से कई हलकों से समर्थन मिला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए .के एंटनी के बेटे अनिल ने डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की.


युवा मोर्चा का प्रदर्शन
पलक्कड़ में विक्टोरिया कॉलेज और एर्नाकुलम में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज तक युवा मोर्चा द्वारा प्रदर्शन मार्च निकाला गया, जहां एसएफआई ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की घोषणा की थी. दोनों जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने और किसी भी प्रकार के संघर्ष को टालने के लिए हस्तक्षेप किया.


'पूरे देश में प्रदर्शित करेंगे'
केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा डीवाईएफआई ने कहा कि वह न केवल केरल में बल्कि पूरे भारत में डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन करेगी. डीवाईएफआई के राज्य सचिव वीके सनोज ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार इसे छिपाने का प्रयास कर रही है लेकिन इसके बावजूद इसे जनता को दिखाया जाना चाहिए.


उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के बारे में कुछ भी ‘राष्ट्र-विरोधी’ नहीं है क्योंकि इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया है. सनोज ने कहा कि राज्य या देश में संघर्ष का माहौल बनाने में डीवाईएफआई की कोई दिलचस्पी नहीं है.


एंटनी के बेटे ने बीजेपी का समर्थन किया
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल ने राज्य में जारी राजनीतिक तूफान में स्पष्ट रूप से भाजपा का समर्थन करते हुए कहा कि ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी के विचारों को भारतीय संस्थानों पर तरजीह देना, देश की संप्रभुता को ‘कमजोर’ करेगा. अनिल एंटनी पार्टी की केरल इकाई के डिजिटल संचार का जिम्मा संभाल चुके हैं.


उन्होंने ट्वीट किया, ‘भाजपा के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद मुझे लगता है कि (भारत में) वे उस बीबीसी के विचारों को थोप रहे हैं जिस सरकार प्रायोजित चैनल का (कथित भारत विरोधी) पूर्वाग्रहों का लंबा इतिहास रहा है, वे इराक युद्ध के पीछे का दिमाग रहे जैक स्ट्रॉ का समर्थन कर (भारतीय) संस्थानों पर एक खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं, हमारी संप्रभुता को कमजोर कर रहे हैं.’ 


केंद्रीय मंत्री ने की अपील
वहीं केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने भी केरल के मुख्यमंत्री से डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया और मामले में उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. मुरलीधरन ने फेसबुक पर लिखा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए गए आरोपों को फिर से पेश करना देश की सर्वोच्च अदालत की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने जैसा है. 


बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दो भाग में है, जिसमें दावा किया गया है कि यह 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की पड़ताल पर आधारित है. 2002 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ट्विटर और यूट्यूब को ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक डॉक्यूमेंट्री के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. विदेश मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री को ‘दुष्प्रचार का हिस्सा’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है. हालांकि, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है.


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