नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामले पर अपना बड़ा फैसला सुनाया है. इसके तहत मोबाइल फोन में बच्चों से जुड़ी अश्लील वीडियो या चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो पाए जाने पर आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है और आप पर पॉक्सो ( POCSO) एक्ट के तहत केस चलाया जाएगा. 


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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला 
मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाइकोर्ट के ऑडर को खारिज करते हुए इसपर बड़ा फैसला सुनाया है. मद्रास हाइकोर्ट ने अपने ऑडर में कहा था कि निजी तौर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना या उसे अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करना POCSO एक्ट के अंदर नहीं आता है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में CJI DY चंद्रचूड़ की बेंच ने साफ किया है कि मोबाइल फोन में किसी भी तरह का पोर्नोग्राफिक कंटेंट रखना POCSO एक्ट के तहत अपराध की श्रेणी में आता है. 


कोर्ट को लगाई फटकार 
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मद्रास कोर्ट ने अपने फैसले में गंभीर गलती की है. इसको लेकर कोर्ट को फटकार भी लगाई गई. वहीं शीर्ष अदालत ने POCSO एक्ट में संशोधन करने का सुझाव दिया, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द के इस्तेमाल को बदलकर 'चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉएटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल' शब्द का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया. अदालतों से भी इस शब्द का इस्तेमाल न करने की बात कही गई. 


याचिका पर जारी किया नोटिस 
बता दें कि इसी साल मार्च 2024 में  CJI DY चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मद्रास हाइकोर्ट के इस मामले से जुड़े आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था. इसमें कहा गया था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और उसे अपने मोबाइल फोन में रखना कोई अपराध नहीं है. यह POCSO एक्ट के अंदर नहीं आता है. 


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