नई दिल्ली: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट 2023-24 पेश कर दिया है. इस बजट में हर वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है. क्या आप जानते हैं कि ये बजट अमृतकाल का पहला बजट था. आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं कि अमृतकाल क्या है?


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जानिए क्या है अमृतकाल
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना चुका है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अमृतकाल का जिक्र करते रहते हैं. आपको बता दें, अमृत काल वैदिक ज्योतिष से निकला एक शब्द है. इसका अर्थ है 'किसी काम की नई शुरुआत के लिए सही समय' से है.


ऐसा समय सबसे सटीक माना जाता है, जब किसी काम को सबसे बेहतर ढंग से अंजाम दिया जाता है. किसी भी उपलब्धि को हासिल करने का ये सबसे सही समय होता है.


वित्त मंत्री ने राज्यसभा में पेश किया बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट 2023-24 पेश करने के कुछ ही देर बाद इसकी प्रति राज्यसभा के पटल पर रखी. जैसे ही दोपहर करीब डेढ़ बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरु हुई, सभा ने पूर्व मंत्री रामकृपाल सिन्हा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कुछ देर मौन रखा.


इसके बाद, वित्त मंत्री ने बजट की प्रति सदन के पटल पर रखी और उसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, निचले सदन में बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत ने अच्छी आर्थिक वृद्धि हासिल की है और इसलिए विश्व ने उसे एक आकर्षक स्थल माना है.


उन्होंने आम बजट 2023-24 को पिछले बजट की बुनियाद और 'इंडिया एट 100' के मसौदे पर निर्माण की उम्मीद करार दिया। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट है. सीतारमण जुलाई, 2019 में वित्त मंत्री का पद संभालने के बाद अपना पांचवां पूर्ण बजट पेश किया.


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