नोएडा: भले ही किसान आंदोलन खत्म हो गया हो, किसान अपने घर लौट गए हों, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत अभी शांत नहीं हुए हैं. वह अब भी केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. गुरुवार को उन्होंने मुजफ्फरनगर में केंद्र सरकार की मंशा और नीतियों पर सवाल उठाया. 


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अब भी बरकरार है एमएसपी का मुद्दाः टिकैत
उन्होंने कहा कि कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का बड़ा मुद्दा अब भी बरकरार है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दिल्ली की सीमा पर गाजीपुर में 383 दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद घर लौटने पर केंद्र सरकार पर अपना हमला जारी रखा.  


खत्म हो चुका है किसान आंदोलन
दिल्ली की सीमाओं और देश के कुछ अन्य हिस्सों में किसानों की ओर से लगातार विरोध के बाद तीन विवादित कृषि कानून वापस ले लिए गए थे. एमएसपी समेत अन्य मांगों पर सरकार की तरफ से आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया था. 


हालांकि, उन्होंने यह चेतावनी दी थी कि हर महीने मांगों को लेकर समीक्षा बैठक होगी. अगर सरकार के तरफ से हीलाहवाली बरती गई तो किसान दोबारा आंदोलन करेंगे.


'MSP की मांग मानी गई तो बड़ी राहत मिलेगी'
बृहस्पतिवार देर रात सर्व-खाप के मुख्यालय सोरम गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, ‘देश में एमएसपी का बड़ा मुद्दा अब भी बना हुआ है. अगर एमएसपी की मांग मान ली जाती है तो बड़ी राहत होगी.’ 


उन्होंने कहा, ‘फसल या खेत के साथ कोई दिक्कत नहीं है. आप (किसान) फसल उगाने के लिए खेतों में कठिन मेहनत करते हो, आप की तरफ से कोई कमी नहीं है. सरकार की तरफ से कमी है. इस देश के किसान और युवा इस बात को अब समझ चुके हैं.’ 


भारतीय किसान यूनियन नेता ने बैंकों के निजीकरण के मुद्दे पर बैंकिंग पेशेवरों की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन देने की सोशल मीडिया पर घोषणा की.


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