नई दिल्ली. बिहार में नई नीतीश सरकार बनने के बाद जेडीयू की एक विधायक खूब चर्चा में हैं. पूर्णिया जिले की रुपौली विधानसभा से विधायक बीमा भारती को लेकर नीतीश कुमार को स्पष्टीकरण तक देना पड़ा है. दरअसल नई नीतीश सरकार में महिला मंत्री को लेसी सिंह को लेकर बीमा भारती ने कई आरोप लगाए गए हैं. इसी के बाद से राज्य की राजनीति गर्म हो गई है. 


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विधायक बीमा भारती ने मंत्रिमंडल में तीसरी बार शामिल की गईं लेसी सिंह के ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा-'मैं लेसी सिंह को हर बार कैबिनेट में शामिल किए जाने को लेकर चिंतित हूं. आखिर मुख्यमंत्री उनमें क्या देखते हैं? वो अपने इलाके में हो रही घटनाओं में लगातार शामिल हैं. इससे पार्टी की प्रतिष्ठा धूमिल होती है. आखिर हमें क्यों नहीं सुना जा रहा है? ऐसा इसलिए क्योंकि हम पिछड़ी जाति से आते हैं?'



मामला इतना बढ़ गया कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका जवाब देना पड़ गया. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा-'हमने लेसी सिंह को 2013, 2014 और 2019 में कैबिनेट में जगह दी. मैं आश्चर्यचकित हूं कि वो (बीमा भारती) ऐसे वक्तव्य दे रही हैं. उन्हें भी 2014 और 2019 में मंत्री बनाया गया था. मैं उनसे मिलूंगा और इस मामले में बात करूंगा. पार्टी उन्हें समझाएंगी, अगर नहीं मानीं तो वे जहां जाना चाहें वहां जा सकती हैं.'



क्या है लेसी सिंह और बीमा भारती के बीच की अदावत?
दोनों महिला नेताओं के बीच की अदावत उनके बाहुबलि पतियों से जुड़ी हुई है. दरअसल पूर्णिया की दो विधानसभा सीटों पर इन दोनों महिला नेताओं के पतियों की तूती बोलती रही है. एक तरफ धमधाहा विधानसभा सीट पर लेसी सिंह के पति बाहुबली बूटन सिंह थे तो दूसरी तरफ रुपौली विधानसभा में बीमा भारती के पति अवधेश मंडल. 


लेसी सिंह के पति समता पार्टी के जिलाध्यक्ष थे. साल 2000 में कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारकर बूटन सिंह की हत्या कर दी गई थी. बूटन पर हत्या और गैंगवार के कई मुकदमें दर्ज थे. बाहुबली आनंद मोहन के साथ भी उनके हिंसक टकराव हुए थे. साल 2000 के बाद से धमधाहा से लेसी सिंह 5 बार विधायक रह चुकी हैं. 


वहीं रुपौली में अवधेश मंडल लगातार अपने बाहुबल का इस्तेमाल करते रहे हैं. बीमा भारती इस सीट से पांच बार विधायक बन चुकी हैं. दो बार नीतीश सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया जा चुका है. लेकिन इस बार जगह नहीं मिली. माना जा रहा है कि लेसी पर बीमा के आरोपों के पीछे यह भी एक वजह है. 


कब शुरू हुआ बीमा का राजनीतिक करियर?
साल 2000 में ही बीमा भारती के भी राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई थी. वो रुपौली विधानसभा से निर्दल विधायक के रूप में चुनी गई थीं. बाद में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गई थीं. 2005 में उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी के शंकर सिंह ने चुनाव हरा दिया था जो उनके पति के प्रतिद्वंद्वी भी थे. लेकिन उसी साल अक्टूबर में हुए चुनाव में बीमा के पास यह सीट दोबारा लौट आई. फिर उन्होंने आरजेडी का साथ छोड़ दिया और 2010 का चुनाव जेडीयू के टिकट पर जीता. इसके बाद से ये लगातार विधायक हैं. 



जेल तोड़कर भागे पति, बेटे की मौत का सदमा
बीमा भारती के पति अवधेश मंडल पुलिस स्टेशन की लॉकअप भाग गए थे. तब यह भी आरोप लगे थे कि बीमा भारती ने अवधेश को भागने में मदद की. तब अवधेश मंडल पर 100 से अधिक आपराधिक मुकदमे थे.



अगस्त 2018 में बीमा भारती के बेटे की मौत हो गई थी. वहीं 2019 में दूसरे बेटे की पिटाई का मामला सामने आया था.  


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