India's New Additional and Deputy NSA: उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy national security adviser) और पूर्व रॉ प्रमुख (Former R&AW chief) राजिंदर खन्ना (Rajinder Khanna) को मंगलवार को अतिरिक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर पदोन्नत किया गया. साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने टीवी रविचंद्रन और पवन कपूर को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) टीम में नए उप एनएसए (new deputy NSAs) नियुक्त किया है.


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टीवी रविचंद्रन और पवन कपूर
टीवी रविचंद्रन 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में विशेष निदेशक हैं. पवन कपूर 1990 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और उन्होंने भारत के लिए विदेश में कई मिशनों में काम किया है. उन्होंने विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में काम किया है. उन्होंने लंदन में राष्ट्रमंडल सचिवालय के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक के रूप में भी काम किया है. हाल ही में उप एनएसए (deputy NSA) विक्रम मिस्री को विदेश सचिव नियुक्त किया गया था.


एडिशनल NSA खन्ना
खन्ना 2014 से 2016 तक रॉ प्रमुख के रूप में कार्यरत थे. उनकी अतिरिक्त एनएसए के रूप में नियुक्ति को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र में निरंतरता बनाए रखने पर जोर देने के साथ जोड़कर देखा जा रहा है.


डोभाल के अधीन अब एक अतिरिक्त एनएसए और तीन डिप्टी एनएसए काम करेंगे. पूर्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) प्रमुख पंकज कुमार सिंह डिप्टी एनएसए के पद पर बने रहेंगे, जबकि रवींद्रन खन्ना की जगह डिप्टी एनएसए की भूमिका में आएंगे. कपूर एनएसए के कार्यालय में विक्रम मिस्री की जगह लेंगे.


अजीत डोभाल
अजीत डोभाल 2014 से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं और मोदी सरकार में सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से एक हैं. 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तीसरी बार एनएसए नियुक्त किया है. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. 20 जनवरी, 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे डोभाल 1968 में आईपीएस में शामिल हुए और अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1988 में कीर्ति चक्र प्राप्त किया. उल्लेखनीय है कि डोभाल भारतीय पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी थे.


लगभग एक महीने पहले, डोभाल ने सुझाव दिया था कि देश के विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बीच रक्षा बलों के लिए चल रही योजना की तरह संयुक्तता और अंतर-संचालन क्षमता होनी चाहिए. बता दें कि लगभग दस लाख जवानों वाले केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में NDRF और NSG के अलावा BSF, CRPF, ITBP, CISF और SSB शामिल हैं और उन्हें आंतरिक क्षेत्रों और सीमाओं पर विभिन्न प्रकार की आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी के लिए तैनात किया जाता है.


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