Bharat Ratna MS Swaminathan: जब भारत को पड़ रहे थे खाने के लाले, तब बड़े काम आए थे एमएस स्वामीनाथन, उनकी इस तकनीक ने भर दिए अन्न के भंडार

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने की  घोषणा की है.

Written by - Ansh Raj | Last Updated : Feb 9, 2024, 02:21 PM IST
Bharat Ratna MS Swaminathan: जब भारत को पड़ रहे थे खाने के लाले, तब बड़े काम आए थे एमएस स्वामीनाथन, उनकी इस तकनीक ने भर दिए अन्न के भंडार

Dr MS Swaminathan: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने की  घोषणा की है. हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथ (Dr MS Swaminathan) की वजह से भारत अनाज के संकट से उभरा था.  एमएस स्वामीनाथ के कारण ही देश चावल, गेहूं को लेकर आत्मनिर्भर बना

आज भी किया जाता है याद...
एग्रोनॉमिस्ट और कृषि वैज्ञानिकों में नाम में आज भी एमएस स्वामीनाथन को याद किया जाता है. एमएस स्वामीनाथन देश ही नहीं बल्कि दुनिया में उनकी धाक थी. उनके अनुसंधानों और कड़ी मेहनत की वजह से देश आज खाद्य उत्पादन में अपना परचम लहरा रहा है. खाने की कमी से जूझते भारत की तस्वीर बदलने में एमएस स्वामीनाथन का बड़ा योगदान था. 

कौन थे डॉ. एमएस स्वामीनाथ?
एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त 1925 को हुआ था. एमएस स्वामीनाथन ने चेन्नई स्थित एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ) के संस्थापक थे. 1988 में उन्होंने एमएसएसआरएफ की स्थापना की थी. बता दें कि 98 साल की उम्र में MS Swaminathan ने अपनी आखरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया था. बढ़ती उम्र की वजह से एमएस स्वामीनाथन परेशानियों का सामना कर रहे थे. डॉ. स्वामीनाथन ने तिरुवनंतपुरम के महाराजा कॉलेज से जूलॉजी और कोयंबटूर कृषि महाविद्यालय से कृषि विज्ञान में बीएससी की डिग्री हासिल की थी,

पीएम मोदी ने ट्वीट कर की घोषणा 
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा की है. पीएम मोदी ने ट्वीट पर लिखा कि "यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए. हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं. डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है. वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था.

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