पीएम मोदी को दैवीय शक्ति का प्रतीक बताने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने निकाला, जानें क्यों?
कांग्रेस ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयान के आरोप में अपने नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को एक बयान में कहा, `अनुशासनहीनता की शिकायत और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाजी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.`
नई दिल्लीः कांग्रेस ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयान के आरोप में अपने नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'अनुशासनहीनता की शिकायत और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाजी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.'
पीएम मोदी से की थी मुलाकात
कृष्णम ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर 'श्री कल्कि धाम' के शिलान्यास समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित किया था. उन्होंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात को लेकर कहा था, 'मैं पीएम मोदी से पहली बार मिला. मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि पीएम पर किसी दैवीय शक्ति का आशीर्वाद जरूर है. मुलाकात के बाद मुझे जो महसूस हुआ उसे, मैं कह सकता हूं कि वह दैवीय शक्ति का प्रतीक है. मैं उन भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता. इसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है.'
इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर उठाए थे सवाल
आचार्य प्रमोद कृष्णम अक्सर कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से इतर अपने वक्तव्य के लिए जाने जाते हैं. पिछले कुछ समय से वह कांग्रेस पार्टी और नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में इंडिया गठबंधन को लेकर कहा था, 'मुझे लगता है कि इंडिया गठबंधन जैसी कोई चीज नहीं है. जब इंडिया गठबंधन बनाया गया था, तो इसके जन्म के तुरंत बाद ही इसे कई बीमारियां हो गईं. फिर यह आईसीयू और वेंटिलेटर पर चला गया. नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार पटना में किया...मुझे नहीं लगता कि अब इसका अस्तित्व है...'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं पर भी निशाने साधे थे. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में कुछ बड़े नेता ऐसे हैं जिन्हें हिंदू शब्द से ही नफरत है. कुछ कांग्रेसी ऐसे हैं जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं बल्कि भगवान राम से भी नफरत है.
खड़गे पर भी कसा था तंज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़े पर भी तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि बड़े नेता को अपनी मर्यादा और भाषा का ध्यान रखना चाहिए. कार्यकर्ता से पार्टी बनती है. कार्यकर्ता कर्मठ और कर्मवीर होता है. इनके प्रति जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया उससे न सिर्फ उनके बल्कि तमाम कार्यकर्ताओं के मन को ठेस पहुंची है.
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