संसद में घुसपैठिए को दबोचने वाले सांसद `हनुमान` क्यों दे रहे इस्तीफा?
Hanuman Beniwal: हनुमान बेनीवाल राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से सांसद हैं. पहले वे एनडीए के साथ थे, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया. साल 2019 में बेनीवाल भाजपा के साथ गठबंधन में ही चुनाव लड़े थे.
नई दिल्ली: Hanuman Beniwal: 13 दिसंबर को संसद में घुसपैठिए को दबोचने के लिए सांसद हनुमान बेनीवाल की खूब तारीफ हो रही है. उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, इसमें वो एक घुसपैठिए को पिटते दिखाई दे रहे हैं. हनुमान बेनीवाल ने संसद से बाहर आकर कहा कि मैंने उनका अच्छा इलाज कर दिया है, वो दोबारा संसद में इस तरह से नहीं घुसेंगे. दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कई नेताओं ने हनुमान के साहस की प्रशंसा की. इस दिन हनुमान संसद सदस्यता से इस्तीफा देने आए थे. लेकिन इस वाकये के चलते वे इस्तीफा भी नहीं दे पाए.
कौन हैं हनुमान बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से सांसद हैं. पहले वे एनडीए के साथ थे, लेकिन किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया. साल 2019 में बेनीवाल भाजपा के साथ गठबंधन में ही चुनाव लड़े थे. राजस्थान में बेनीवाल की खुद की पार्टी है, जिसका नाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) है. हनुमान राजस्थान के बड़े जाट नेता माने जाते हैं. पश्चिमी राजस्थान में हनुमान की खास पकड़ मानी जाती है. उनकी फैन फोलोइंग भी खूब है. हनुमान छात्र राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साल 2008 में भाजपा के टिकट पर को खींवसर से पहली बार विधायक चुने गए. हालांकि, भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे से बेनीवाल की खूब तल्खी रही है.
क्यों दे रहे इस्तीफा
हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने इस बार चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर राजस्थान में चुनाव लड़ा था. खुद हनुमान बेनीवाल ने भी खींवसर से चुनाव लड़ा, यहां से वो 4 बार विधायक रह चुके हैं. इस बार भी हनुमान ने जीत दर्ज की है. संविधान के मुताबिक, एक व्यक्ति एक साथ विधानसभा और लोकसभा का सदस्य नहीं होता. यदि वह दोनों के लिए निर्वाचित हुआ है तो दो 15 दिन के भीतर एक जगह से इस्तीफा देना पड़ता है. यही कारण है कि हनुमान 13 दिसंबर को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने आए थे.
क्या बोले हनुमान?
सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक इंटरव्यू में बताया कि मैं इस्तीफा देने आया था. लोकसभा में मेरे स्पीच का नंबर आने वाला था, तभी यह सब हो गया. इस कारण मैं इस्तीफा भी नहीं दे पाया. हालांकि, आने वाले एक-दो दिन में मैं संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा.
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