हैदराबाद. देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिनमें तेलंगाना भी एक अहम राज्य है. इस राज्य में भारत राष्ट्र समिति की सरकार है. इस बार कांग्रेस भी बढ़त हासिल करने के लिए प्र्रयासरत है. लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीआरएस को लीड दिख रही है. 


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समय से पहले शुरू किया प्रचार अभियान, सभी प्रत्याशी उतारे
दरअसल लगभग सभी उम्मीदवारों की घोषणा करके और समय से पहले प्रचार अभियान शुरू करके और विभिन्न वर्गों के लिए घोषणाओं की एक श्रृंखला के साथ, बीआरएस ने अपने दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों -कांग्रेस और बीजेपी  परेशान कर दिया है. राज्य में लगातार दो बार बीआरएस की सरकार रह चुकी है. सत्ता विरोधी लहर भी है. फिर बीआरएस आश्वस्त लग रही है. साथ ही पार्टी का मानना है कि केसीआर हैट्रिक लगाने जा रहे हैं.उसका मानना है कि के.चंद्रशेखर राव दक्षिण भारत में मुख्यमंत्री के तौर पर हैट्रिक लगाने वाले पहले नेता बनेंगे. 


क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स
पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि भले ही सत्ता विरोधी लहर हो, लेकिन बीआरएस को किसी बड़ी चुनौती का सामना करते नहीं दिख रहे हैं. पार्टी को जाहिर तौर पर जनता के गुस्से का सामना नहीं करना पड़ रहा है, क्योंकि माना जाता है कि उनकी सरकार ने कई मोर्चों पर अच्छा प्रदर्शन किया है. विश्लेषक पलवई राघवेंद्र रेड्डी कहते हैं, 'केसीआर को कुछ अधूरे वादों पर सवालों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उनकी सरकार के खिलाफ कोई बड़ी सार्वजनिक शिकायत नहीं है.'


कांग्रेस की छह गारंटी पर सवाल उठा रहे बीआरएस नेता
वहीं बीआरएस नेता लोगों को कांग्रेस पर भरोसा करने के खिलाफ भी आगाह कर रहे हैं, जो 'छह गारंटी' के तहत कई वादों के साथ मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. बीआरएस नेता पूछते हैं कि 'ग्रैंड ओल्ड पार्टी' अपने शासित राज्यों में इन्हें लागू क्यों नहीं कर रही है.


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