दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से नागरिकता संशोधन कानून के विरोधियों के दोहरेपन को उजागर करता हुआ एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखने से पता चलता है कि देश में आग लगाने वाले दंगाइयों की जहरीली सोच इतनी संकीर्ण और धार्मिक जहर से भरी हुई है कि प्रताड़ितों और निरीहों को नागरिकता देने वाले कानून का विरोध करने के नाम पर दंगाई अपनी पत्नियों का सहारा ले रहे हैं. ये लोग अपनी पत्नियों को जबरन CAA विरोधी धरने पर भेजते हैं. ये बात खुद एक महिला कुबूल कर रही है.


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महिला बोली- जबरन धरने पर भेजता है पति



पुलिस के सामने महिला ने कहा, "रोज जान खाते हैं, कहते हैं वहां धरने लग रहे हैं ...चली जाओ...मैं झूठ नहीं बोल रही हूं...इन्होंने एक हफ्ते से मेरी जान खा रखी है." हालांकि महिला के पति बीच में कह रहे हैं कि उनकी पत्नी झूठ बोल रही है. पुलिस ने इस बावत महिला के पति को कहा कि वे अपनी पत्नी पर दबाव न बनाएं. 


घर घर पहुंच रहे सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ


इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने नई पहल शुरू की है. सोमवार को अपर सिटी मजिस्ट्रेट रंजीत सिंह औक सीओ अनिल समानिया के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की टीम ने क्वारसी थाना क्षेत्र और सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मोहल्लों में जाकर महिलाओं पुरुषों से अपील की कि वे बिना जरूरी धरना प्रदर्शन में ना जाएं. लोगों को समझाने के लिए खुद सिटी मजिस्ट्रेट दरवाजे दरवाजे पर लोगों के बीच पहुंचे और लोगों से आपसी भाईचारे को मजबूत करने की अपील की.


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शाहीन बाग में भी रुपये लेकर बैठने की हुई थी बात


आपको बता दें कि शाहीन बाग में महिलाएं कई दिनों से धरने पर बैठी हैं. लोग आरोप लगा रहे थे कि उन्हें धरने पर बैठने के लिये बिरयानी और 500-500 रुपये का प्रलोभन दिया जा रहा था. .ये बात कई वायरल वीडियो में साबित भी हुई. शाहीन बाग में बाकायदा शिफ्ट तय की जाती है और धरने पर बैठने के लिये समय भी निर्धारित किया जाता है. इन महिलाओं को तय समय के अनुसार पैसे भी दिये जाते हैं. इन तथ्यों से पता चलता है कि नागरिकता कानून के विरोध में हो रहा प्रदर्शन संविधान बचाने के लिये नहीं बल्कि व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिये किया जा रहा है. 



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