नई दिल्लीः संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में भी गुरुवार को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) सर्वसम्मति से पास हो गया है. बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया. हाउस में मौजूद सभी 251 सांसदों ने बिल का समर्थन किया. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा. यह बिल लोकसभा में एक दिन  पहले ही पास किया गया था. इसके कानून बनने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा.


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पीएम ने सांसदों से की थी ये अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- हमने बिल पर सार्थक चर्चा की है, भविष्य में इस चर्चा का एक एक शब्द काम आने वाला है. हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है. सभी सांसदों ने अपने बयान के शुरुआत में कहा कि मैं बिल का समर्थन करता हूं. इसके लिए सबका आभार. यह इससे देश के जन-जन में आत्मविश्वास पैदा करेगा. सभी सांसदों और दलों ने बहुत अहम भूमिका निभाई है. सभी सांसदों से अनुरोध है कि सर्व सम्मति से इसे पास करें.


कांग्रेस ने दिया समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- मैं और मेरी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. यह बिल आने वाले है हमें इसकी जानकारी पहले से नहीं थी. लेकिन उपराष्ट्रपति जी को पहले से पता था कि बिल आने वाला है. आपने 4 सितंबर को जयपुर में कहा था- वो दिन दूर नहीं जब देश की संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलेगा.


गुरुवार को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने राज्यसभा में बिल पेश किया. इसके बाद कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने बिल के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि महिलाओं को वंदन नहीं, समानता चाहिए.


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