नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र से पहले सोमवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में युवाजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) ने राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित आर्थिक गणना कराने की मांग की.


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बैठक में जाति आधारित आर्थिक गणना की उठी मांग
पार्टी ने कहा कि पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सामाजिक एवं विकास सूचकांक में कौन सा वर्ग पीछे है. वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि देश की आबादी में पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है और राष्ट्रव्यापी जाति आधारित आर्थिक गणना से इन वर्गों की आर्थिक स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी.


समझा जाता है कि बैठक के दौरान इस विषय पर आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को जदयू, राजद का समर्थन मिला. जदयू और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की.


जदयू और राजद महागठबंधन सरकार शुरू की है ये पहल
बिहार में जदयू और राजद महागठबंधन सरकार ने राज्य स्तर पर जाति आधारित गणना शुरू करायी है. रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना सुनिश्चित करने की भी मांग की है.


बैठक में महिला आरक्षण विधेयक संबंधी मांग का तेलंगाना राष्ट्र पार्टी (टीआरएस), तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल ने भी समर्थन किया. सरकार ने बजट सत्र से पहले विभिन्न विषयों पर आम राय बनाने के लिये सोमवार (30 जनवरी) को राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलायी थी.


1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगे निर्मला सीतारमण
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा. इस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. 31 जनवरी को ही सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी.


बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर छह अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र के दौरान 27 बैठक होंगी.


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