नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल भाजपा ने अब मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वाले राज्य की 13 लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है. यह जानकारी देते हुए सूत्रों ने कहा कि इसके लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान पार्टी के स्वयंसेवक अल्पसंख्यक मतदाताओं के घर-घर जाएंगे और उनकी शिकायतों पर ध्यान देंगे.
इन 13 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की खास नजर
इस कवायद में उन लोगों पर विशेष जोर दिया जाएगा, जो पिछड़े आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं. इन 13 लोकसभा क्षेत्रों बहरामपुर, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, रायगंज, मालदा (दक्षिण), मालदा (उत्तर), बशीरहाट, जादवपुर, बीरभूम, कृष्णनगर, डायमंड हार्बर, जयनगर और मथुरापुर शामिल हैं.
इन निर्वाचन क्षेत्रों में मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में सबसे अधिक 64 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि मथुरापुर में सबसे कम 32 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है. 2019 के लोकसभा चुनावों में बहरामपुर के मतदाताओं ने पांच बार पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी को फिर से चुना.
2019 के चुनाव में बीजेपी को मिली थी रिकॉर्ड बढ़त
दूसरी ओर माकपा के पुराने गढ़ मथुरापुर में 2019 में तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य चौधरी मोहन जटुआ को फिर से चुना गया. हालांकि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, लेकिन रायगंज और मालदा (उत्तर) को छोड़कर उपरोक्त अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में कमल नहीं खिला था.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेतृत्व को देश में अल्पसंख्यक मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक स्पष्ट निर्देश दिया है. तदनुसार, अलग-अलग राज्यों के नेतृत्व को भी अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों की पहचान करने और वहां के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए कहा गया था. इस विशेष संपर्क अभियान के लिए पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक मतदाताओं के बड़े अनुपात वाले इन 13 निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की गई है.
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