कोरोना की कृपा, भर रहा है ओजोन लेयर का छेद
इसे कहते हैं कि अशुभ में भी एक शुभ संदेश अंतर्निहित है. बरसों बाद हुआ है वायुमंडल में प्रदूषण कम और अब ओजोन लेयर को अपनी क्षतिपूर्ति का समय मिल गया है..
नई दिल्ली: एवरी डार्क क्लाउड हैज़ ए सिल्वर लाइनिंग. जब सारी दुनिया कोरोना के डर से लॉक डाउन हो कर घरों में दुबकी हुई है तो प्रदूषण फैलाने के लिये बाहर कोई नहीं है. प्रकृति ने राहत की सांस ली है और अंतरिक्ष में मानव संसार की सबसे बड़ी मदद में फिर जुट गई है अर्थात ओज़ोन लेयर के छेद को दुरुस्त करने में जुट गई है.
कोरोना की कृपा ओज़ोन लेयर पर
कोरोना ने दुनिया को लॉकडाउन करा दिया है, सड़कों से ट्रैफिक हटा दिया है, फैक्ट्रियां बंद करा दी हैं, इमारतों का निर्माण रोक दिया है –कुल मिला कर कोरोना ने प्रदूषण फैलाने वाला हर काम रोक दिया है. चीनी वायरस की चोट से दुनिया कराह रही है लेकिन इससे एक बड़ा फायदा ये हुआ है कि ओजोन लेयर में बना छेद अब फिर से अपनेआप में भर रहा है.
कोलोराडो विश्वविद्यालय ने दी जानकारी
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के शोधार्थियों ने यह शुभ समाचार साझा किया है कि पृथ्वी के दक्षिणी हिस्से में स्थित अंटार्कटिका के ऊपर बने ओजोन लेयर का छेद अब अपनेआप भरने लगा है और इसका सीधा कारण उन्होंने बताया है कि वायुमंडल अब प्रदूषण मुक्त स्थिति में है जिससे प्रकृति को क्षतिपूर्ति के लिये शुद्ध अवसर प्राप्त हो गया है.
चीन है खास वजह
कोलोराडो विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने एक और तथ्य अनावरित किया है. उन्होंने बताया कि चीन का प्रदूषण वायुमंडल का सबसे बड़ा शत्रु है. चीन के आकाश में ऊपर उठने वाला वायु-प्रदूषण ओज़ोन लेयर को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता था. अब चूंकि चीन का आकाश पूरी तरह प्रदूषण मुक्त है इसलिये ओज़ोन लेयर की मुश्किल दूर हो गई है और इसका छेद भरने लगा है.
जेट स्ट्रीम पलट गई है
शोधार्थियों ने बताया कि न केवल चीन की तरफ से जाने वाला प्रदूषण अब ओज़ोन लेयर की दिशा में नहीं जा रहा है, पृथ्वी के ऊपर चलने वाली जेट स्ट्रीम यानी अर्थात हर देश से हो कर गुजरने वाली हवा ओजोन लेयर में छेद की वजह से पृथ्वी के दक्षिणी हिस्से की तरफ जा रही थी. अब यह जेट स्ट्रीम पलट गई है.
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