लॉकडाउन के दौरान फ्रांस के परिवार को मंदिर में मिली शरण
पूरे भारत में लॉकडाउन का ये ऐतिहासिक दौर है. जो अपने साथ बहुत सी यादें ले कर जायेगा. इनमें से एक ये भी होगी जब लोग याद करेंगे कि लॉकडाउन में फंसे एक फ्रांसीसी परिवार को मंदिर में मिली थी शरण..
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश ने कोरोना पर सफलता पूर्वक नियंत्रण किया है और यहां के मुख्यमन्त्री ने लॉकडाउन का पालन भी पूरी दृढ़ता से कराया है. यहां ही यह विचित्र घटना देखने में आई है. जो यहां के लोगों के लिये और इस फ्रांसीसी परिवार के लिये एक जीवन पर्यन्त की विशेष स्मृति बन गई है.
महाराजगंज का है ये मन्दिर
यह मंदिर महाराजगंज क्षेत्र में आता है किन्तु मूल रूप से यह लक्ष्मीपुर क्षेत्र स्थित कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा गांव में स्थित है. पहले ही यह मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र था. लेकिन अब ये आसपास के गांवों के लिये भी कौतुहल का केन्द्र बन गया है क्योंकि पिछले एक माह से एक फ्रांसीसी परिवार ने इसमें शरण ले रखी है.
सनातनी हो गया है ये फ्रान्स का परिवार
अब यह इस फ्रांसीसी परिवार की आस्था है या सनातन धर्म का चुंबकत्व कि एक माह से रह रहा यह विदेशी परिवार अब सनातनी बन गया है और सनातन धर्म से जुड़ी आस्था की डोर से कस कर बंध गया है. इसे होनी ही कहेंगे कि इस फ्रांसीसी परिवार को नेपाल जाना था लेकिन लॉकडाउन के कारण उसे इस मंदिर में ठहरना पड़ा जिसने इनके जीवन को ही बदल दिया है.
नियमित पूजन करता है यह परिवार
फ्रांस के टूलोज शहर से संबन्ध रखने वाला यह परिवार का अब मात्र नाम ही विदेशी है शेष सब कुछ सनातनी हो गया है. इस फ्रांसीसी परिवार की भारतीय सनातन धर्म से आस्था का गहरा संबन्ध पूर्वजन्मों से जुड़ा लगता है. यह परिवार भगवान शंकर, मां दुर्गा व प्रभु राम की नियमित पूजा करता है और ईश्वर से कोरोना से मानवता की मुक्ति तथा विश्व कल्याण की कामना करता है. इस परिवार के लोग जब जयकारा लगाते हैं तो सारा गांव इनके साथ जयकारा लगाता है.