नई दिल्ली. भारत सरकार ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर पलटमार करने की तैयारी कर ली है. सरकार ने इसी सिलसिले में चीनी सामानों की जानकारी मांगी है. इसके बाद एक योजना तैयार की जायेगी और चीन को आर्थिक मैदान में घसीटा कम जाएगा, मारा ज्यादा जाएगा.


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तीनों स्तरों पर कूटा जाएगा चीन को 


भारतीय सेना के जवानों पर धोखे से हमला करना अब चीन को बहुत भरी पड़ने वाला है. भारत ने तीनों मोर्चों पर चीन की कुटाई की तैयारी कर ली है. लद्दाख सीमा पर सेना को छूट दे दी गई है कि जरूरत पड़े तो सीधे गोली मारें. कूटनीतिक स्तर पर भी भारत ने खेमेबंदी शुरू कर दी है किन्तु जहां सबसे ज्यादा दर्द चीन को होने वाला है वह है आर्थिक मोर्चा. अब भारत आर्थिक रूप से भी चीन को करारा जवाब देने की तैयारी में लग गया है. 


मांगी चीन के सामान की विस्तृत जानकारी 


प्राप्त जानकारी के अनुसार मोदी सरकार ने विभिन्न उद्योगों से जुड़े हुए विदेशों से आने वाले सामन की जानकारी मांगी है. इस जानकारी में खासकर चीन से आने वाले सामान की विस्तृत जानकारी मांगी गई है. सरकार का उद्देश्य चीन से आयातित सामानों का आयात रोकना है और समानांतर रूप से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना भी है.



 


चीन पर निर्भरता कम की जायेगी 


आत्मनिर्भरता का नारा देने के बाद अब पीएम मोदी ने इस पर व्यवहारिक धरातल पर कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है. इसके लिए भारत के घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही भारत सरकार अब चीन पर निर्भरता को कम करने की दिशा में भी प्रयासरत है. इसी उद्देश्य से हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई थी.


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