जालोरः कोरोना काल में जहां विश्व के भर के सामने तमाम तरह की चुनौतियां हैं, वहीं धरती से लेकर आसमान तक में तमाम हलचलें हो रही हैं. धरती अनियमित तरीके से रोजाना डोल रही है, तो आसमान में अनेक रहस्यमयी खगोलीय घटनाएं हो रही हैं. इसी तरह की एक घटना ने शुक्रवार सुबह राजस्थान के लोगों को अचरज में डाल दिया. इसकी वजह से सनसनी फैल गई. बताया गया कि यहां एक आकाशीय पिंड गिरा है. 
 
आसमान से गिरी उल्का
जानकारी के मुताबिक जिले के सांचोर कस्बे में शुक्रवार सुबह एक उल्कापिंड गिरने की खबर चारों तरफ आग की तरह फैल गई. उल्कापिंड को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े. बाद में पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में इसे वहां से हटाकर इसे सुरक्षित रखवाया. पुलिस ने बताया है कि किसी धातु के समान नजर आ रहा यह उल्कापिंड 2.788 किलोग्राम वजनी है. 


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धमाके के साथ गिरा उल्कापिंड
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने आसमान से एक तेज चमक के साथ एक टुकड़े को नीचे गिरते देखा. नीचे गिरते ही धमाका हुआ. इस उल्कापिंड के ठंडा होने पर पुलिस ने उसे कांच के एक जार में रखवा दिया है. पुलिस का कहना है कि इसे विशेषज्ञों को दिखाया जाएगा. 


गिरा तो काफी गर्म था आकाशीय पिंड
सांचौर के थाना अधिकारी अरविंद कुमार की ओर से बताया गया कि सुबह 7 बजे सूचना मिली कि गायत्री कॉलेज के पास आसमान से तेज आवाज के साथ एक चमकदार पत्थर गिरा है. वहां पहुंचकर देखा तो काले रंग का धातु जैसा एक टुकड़ा जमीन में करीब 4-5 फीट की गहराई में धंसा हुआ था. उस समय यह टुकड़ा काफी गरम था. उपखंड अधिकारी और उप अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि यह उल्कापिंड है. यह काले रंग की चमकीली धातु जैसा नजर आ रहा है.


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जानिए, क्या हैं उल्काएं
विज्ञान के अनुसार आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं, उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में टूटते हुए तारे कहते हैं. उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुंचता है, उसे उल्कापिंड कहते हैं. प्रत्येक रात्रि को उल्काएं अनगिनत संख्या में देखी जा सकती हैं, लेकिन इनमें से पृथ्वी पर गिरने वाले पिंडों की संख्या बहुत कम होती है. 


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