Kashmir में नई सुबह: छंटेगा अंधेरा, होगा नया सवेरा
कश्मीर (Kashmir) में सबका मंगल होने वाला है. कश्मीर के इतिहास में आज का मंगलवार कई दशकों के अमंगल को खत्म करेगा. दिसंबर का तीसरा मंगलवार दशकों के अलगाववाद और आतंकवाद का अंत करेगा और जन्नत में फिर बहार लौटेगी. डल झील में फिर शिकारों पर रौनक लौटेगी. गुलमर्ग फिर कहकशां लगाएगा..
नई दिल्ली: जन्नत को जहन्नुम बनाने वाली अलगाववादी राजनीति को कश्मीर अब हमेशा के लिए बाय-बाय करने जा रहा है. कश्मीर (Kashmir) में राष्ट्रवाद (Nationalism) का नया सवेरा हो रहा है. अलगाववाद का अंधेरा हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो रहा है. पीएम मोदी (PM Modi) ने कश्मीर को यकीन दिलाया है कि नया कश्मीर बेहद खूबसूरत और सुकून से भरा होगा. जहां आन-बान-शान से तिरंगा लहराएगा. जहां भारत माता का अपमान करने वालों की कोई जगह नहीं होगी. जहां तिरंगे का अपमान करने वाले गद्दारों की कोई जगह नहीं होगी.
धारा 370 (Article 370) हटने के करीब 490 दिन बाद कश्मीर में एक नए सूरज का आगाज हुआ है. अलगाववाद और आतंकवाद (Terrorism) के अंधेरे को मिटाकर कश्मीर में राष्ट्रवाद (Nationalism) की सुबह हुई है.
'बुलेट' पर 'बैलेट' की जीत
वो घड़ी आ गई बदलते कश्मीर को जिसका बेसब्री से इंतजार था. धारा 370 हटने के बाद राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बने जम्मू कश्मीर के पहले चुनाव नतीजों से घाटी का नया दौर शुरू हो रहा है. 8 चरणों में 20 जिलों की 280 सीटों पर हुए चुनाव में 51 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. डीडीसी चुनाव नतीजों से अलगाववादी ताकतों को भी करारा जवाब मिला है और सीमा पार बैठे आतंक के आकाओं को भी मुंहतोड़ जवाब मिला है.
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ये मुश्किल चुनाव था क्योंकि सीमापार से पाकिस्तान ने बार- बार चुनाव को लहूलुहान करने की कोशिश की लेकिन सेना ने बुलेट का जवाब बुलेट से दिया तो कश्मीरी आवाम ने बुलेट का जवाब बैलट से दिया. चुनाव के दौरान आतंकवादियों ने सबसे ज्यादा बीजेपी नेताओं को निशाना बनाया. करीब दर्जन भर बीजेपी नेताओं को डीडीसी चुनाव के दौरान अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
घाटी में अलगवावाद का सूरज अस्त, राष्ट्रवाद की नई सुबह
2019 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी ने अपने मिशन कश्मीर पर तेजी से काम शुरू किया और 5 अगस्त 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने धारा 370 हटाने का फैसला किया. लेकिन राज्य में बीजेपी के साथ सरकार चला चुकी ‘गद्दार’ गैंग की नेता महबूबा मुफ्ती ने अमन की कोशिशों को आग लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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महबूबा ने सियासी फायदे के लिए तिरंगे तक का अपमान किया. लेकिन तमाम अड़चनों के बाद कश्मीर तेजी से बदला. धारा 370 हटने से बाहरी लोगों को जमीने खरीदने का मौका मिला जिससे राजस्व विभाग को इस साल जबरदस्त कमाई हुई. केवल ज़मीनों की रजिस्ट्री से ही घाटी के राजस्व विभाग को 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई है. 25 हजार से ज्यादा बाहरी लोगों को घाटी में जमीन की रजिस्ट्री के पेपर दे दिए गए हैं.
बिहार कैडर के IAS अधिकारी नवीन कुमार चौधरी पहले शख्स हैं, जिन्हें जम्मू कश्मीर में ज़मीन खरीदने की पहली रजिस्ट्री राजस्व विभाग से मिली है. फिलहाल वो गुरूग्राम में रहते हैं.
70 साल तक धारा 370 की वजह से आम कश्मीरी विकास की दौड़ से दूर था, लेकिन धारा 370 हटने के बाद हुए डीडीसी चुनावों के बाद आम कश्मीरियों की उम्मीद सातवें आसमान पर है. आतंकवाद में कमी आने से पर्यटन उद्योग भी तरक्की की राह पर है. गुलमर्ग में बर्फबारी के बाद सैलानियों का आना इसका सबूत है.
निश्चित तौर पर कश्मीर के लिए आज का मांगलवार खास है लेकिन, उन लोगों के लिए आज का मंगल कभी नहीं भूलने वाला होगा. जिन्होंने दशकों तक कश्मीर के संसाधनों को लूटा और वहां की भोली-भाली आवाम को गरीब बनाए रखा. गद्दार गैंग को भी कश्मीर की राजनीति से निकाला मिलेगा और वादे कश्मीर में राष्ट्रवाद का परचम फहराएगा. आज का मंगल लाल चौक में तिरंगे के सम्मान का मंगल होगा. उन ताकतों के खात्मे का मंगल होगा जिन्होंने तिरंगे का अपमान किया और कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद और बर्बादी की राह पर ढकेला.
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