नई दिल्लीः भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब (pranab mukherjee) मुखर्जी नहीं रहे. सियासत की हर गली में अपनी छाप छोड़ कर गए प्रणब दा के निधन पर देश भावुक और शोक में हैं. उनके निधन पर भारत सरकार ने 31 अगस्त से छह सितंबर तक सात दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है. कांग्रेस को अपना जीवन समर्पित करने वाले और फिर देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले प्रणब दा के जाने से हर पार्टी ने दुख व्यक्त किया है. 



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10 अगस्त से थे वेंटिलेटर सपोर्ट पर 
पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को राजधानी स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी और इसके बाद ब्रेन सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी. उनके मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए सर्जरी की गई थी, लेकिन उसके बाद से वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही थे. 


आधा झुका रहेगा तिरंगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की. राजकीय शोक के दौरान देशभर में सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुका हुआ रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा.



केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी करके कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरे भारत में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक सात दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा.


जानें, क्या है राजकीय शोक 
स्वतंत्र भारत में पहला राष्ट्रीय शोक महात्मा गांधी की हत्या के बाद घोषित किया गया था. अब अन्य गणमान्य व्यक्तियों के मामले में भी केंद्र विशेष निर्देश जारी कर राष्ट्रीय-राजकीय शोक का ऐलान कर सकता है. इसके साथ ही देश में किसी बड़ी आपदा के वक्त भी 'राष्ट्रीय शोक' घोषित किया जा सकता है.


इसलिए झुका देते हैं ध्वज
राजकीय शोक के दौरान फ्लैग कोड ऑफ इंडिया नियम के मुताबिक विधानसभा, सचिवालय सहित महत्वपूर्ण कार्यालयों में लगे राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहते हैं. इसके अलावा प्रदेश में कोई औपचारिक एवं सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता है और इस अवधि के दौरान समारोहों और आधिकारिक मनोरंजन पर भी प्रतिबंध रहता है.


राज्य खुद भी घोषित कर सकते हैं राजकीय शोक
राजकीय शोक की घोषणा पहले केवल केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति ही कर सकता था. लेकिन अब बदले हुए नियमों के अनुसार राज्यों को भी यह अधिकार दिया जा चुका है. अब राज्य खुद तय कर सकते हैं कि किसे राजकीय सम्मान देना है.



गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर राष्ट्रीय शोक एक दिन का था, लेकिन गोवा में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.


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