पटना: लालू यादव की गैर-मौजूदगी में राजद के सर्वेसर्वा लोकसभा में फ्लॉप साबित हुए और कई दिनों तक हाशिए से गायब रहे. हाल ही में हरियाणा में अपने रिश्तेदार के चुनाव प्रचार से लौटने के बाद से लगातार ट्वीट कर बिहार सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में भारी जलजमाव से त्रस्त जीवन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन व्यवस्था पर खूब प्रहार किया.
ट्वीट कर खूब बरसे तेजस्वी
तेजस्वी ने ट्वीट किया '15 जिलों में उत्पन्न बाढ़ और जलजमाव के बाद बिहार में महामारी का खतरा. हजारों लोगों पर डेंगू का कहर. चिकनगुनिरया, मलेरिया और डायरिया के मरीज बढ़े. स्वास्थय मंत्री फिर लापता, सरकार से आग्रह है सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय कर बीमारियों के समुचित इलाज की व्यवस्था की जाए.'
इसके बाद तेजस्वी यहीं नहीं रूके. उन्होंने जलजमाव का हवाला देते हुए ट्वीट किया 'भ्रष्टाचार में मस्त,छल-कपट में व्यस्त बेशर्मों की धूर्तता और नग्नता देखिए. जिन भ्रष्ट नेताओं को सीवर, ड्रेनेज सिस्टम, स्मार्ट सिटी, नमामि गंगे के हजारों करोड़ बिना डकार लिए हजम कर लिए वही नीतीश-सुशील मोदी के लोग इसकी जांच करेंगे. वाह सुशासन बाबू! वाह'
देर से आने की है पुरानी आदत
भाजपा-जदय़ू की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई बयान तो नहीं दिया गया. लेकिन नींद से जागे तेजस्वी यादव बेवक्त एक्टिव हुए हैं, ये कहना गलत न होगा. दरअसल, जलजमाव के मामले पर सरकार का घेराव करने में जुटे तेजस्वी को जलजमाव के वक्त बिहार में ढ़ूंढ़ा जा रहा था तो वे हरियाणा में चुनावी सभा करने में व्यस्त थे. तेजस्वी का यही हाल मुजफ्फरपुर चमकी बुखार में भी था जब वे हाथ पर हाथ धरे तब तक बैठे रहे जब तक मामला मेनस्ट्रीम में न आ गया.
12 को महागठबंधन का शक्ति परीक्षण
हालांकि तेजस्वी यादव देर आए पर शायद दुरूस्त आने का प्रयास कर रहे हैं. मालूम हो कि बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होने को है. उसी के एवज महागठबंधन के तमाम घटक दल राजद, कांग्रेस, रालोसपा (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी), वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) और हम (हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा) 12 अक्टूबर को राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के मौके पर एकसाथ पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल सभागार में इकठ्ठे हो कर शक्ति परीक्षण करने की कोशिश में हैं. इस मौके पर फिलहाल किस-किस की मौजूदगी रहेगी, इस पर कोई मुहर नहीं लगा है, लेकिन इस अवसर के बाद ये तो तय हो सकता है कि महागठबंधन की गांठ कितनी मजबूत है.