है बात कुछ तो ऐसी बिहार रेजिमेंट में
बिहार रेजिमेंट को लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी के संवेदनशील क्षेत्र पर क्यों तैनात किया गया - इसके पीछे है एक विशेष कारण. बिहार रेजिमेंट ने पहले भी देश के लिए कुर्बानियां दी हैं..
नई दिल्ली. देश के लोगों को आमतौर पर ये भी नहीं पता है कि हमारे देश की सेना में कितनी रेजिमेंट्स हैं और हमारी हर रेजिमेंट किस तरह से ख़ास है. देश के सेना रणबांकुरों से भरी पूरी है और हर रेजिमेंट के नाम जुड़ी है उसकी विशेषता. पंद्रह जून की चीनी धोखे की घटना में मारे गए और दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले - दोनों ही तरह के जवानों वाली इस रेजिमेंट का नाम था बिहार रेजिमेंट.
हर मुश्किल परिस्थिति का सामना करने में सक्षम
बिहार रेजीमेंट भारत की सेना में अपना अलग ही महत्व रखती है. इस रेजीमेंट के जवानों को हर मुश्किल परिस्थितियों में रहने में सक्षम हैं. इसी कारण उनको दुर्गम स्थानों पर तैनात किया जाता है. भारतीय सीमा के इन्ही दुर्गम स्थानों में शामिल थी गलवान घाटी भी जहां बिहार रेजिमेंट को तैनात किया गया था.
स्पेशल ऑपरेशंस में शामिल होती है ये रेजिमेंट
बिहार रेजिमेंट की दूसरी बड़ी खासियत ये है कि इसे मुश्किल ऑपरेशंस में उतारा जाता है. चाहे वो कोई सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर कारगिल जैसा कोई युद्द, बिहार रेजिमेंट ने इस तरह के हर चुनौतीपूर्ण अवसर पर अपनी सफलता का इतिहास खुद लिखा है.
सिर्फ बिहार के सैनिक नहीं होते इसमें
बिहार रेजिमेंट सिर्फ बिहार के नाम से जुड़ी है लेकिन इसमें बिहार के अलावा भी दूसरे प्रदेशों से सैनिक चुने जाते हैं. इस रेजिमेंट के नाम के साथ भारतीय सेना के अतीत की बहुत सी कामयाबी की कहानियां जुड़ी हुई हैं इस कारण ख़ास मौकों पर और ख़ास स्थति में बिहार रेजिमेंट को ही याद किया जाता है.
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