नई दिल्ली.   पतंजलि ने बनाई थी ये दवा जिसका नाम है कोरोनिल. यदि एक स्थान के रूप में गोरखपुर को उदाहरण के तौर पर रख कर देखें तो देश के सभी प्रमुख शहरों में पतंजलि केन्द्रों पर कोरोनिल इम्युनिटी बूस्टर की मार्केट डिमान्ड फिर से बढ़ गई है.


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पतंजलि केन्द्र की बिक्री बढ़ी


गोरखपुर के भालोटिया क्षेत्र में एक पतंजलि केन्द्र को आदर्श मान कर देखें तो एक केन्द्र से ढाई सौ से तीन सौ इम्युनिटी बूस्टर रोजाना बिक रहे हैं. इतना ही नहीं, लोग विटामिन-सी की गोली भी जम कर खरीद रहे हैं. इस कारण ब्रांडेड कंपनियों की विटामिन सी की गोलियां बाजार में कम हो गई हैं. पतंजलि केन्द्र में उपलब्ध इम्यूनिटी  से जुड़े उत्पाद लोग खूब खरीद रहे हैं.


कोरोनिल पर हुआ था विवाद


 कोरोना महामारी के दौर में जिस दिन पतंजलि ने पहली कोरोना की दवा के रूप में कोरोनिल को लान्च किया था, देश भर में हर्ष की लहर देखी गई थी. किन्तु इस पर हुए विवाद से लोगों को मायूसी झेलनी पड़ी और इस दवा को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में ही बेचने की अनुमति मिल सकी थी. कंपनी ने विवादों के कारण कुछ दिनो तक कोरोनिल की बिक्री भी रोक दी थी.


इम्यूनिटी बूस्टर बनी बाजार में


मजबूरन पतंजलि ने कोरोनिल को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में बाजार में उतारा. इस बार बाजार में इसका दाम पहले के मुकाबले पिचहत्तर रुपये अधिक रखा गया. पहले जब ये कोरोना की दवा के रूप में बाजार में आई थी तब इसकी कीमत 470 रुपये थी और अब इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर बाजार में इसका दाम  545 रुपये हो गया है.


तीन सौ पीस की है रोज की बिक्री


पंतजलि के एक थोक विक्रेता का कहना है कि एक शहर के पतंजलि केन्द्रों में कोरोनिल की प्रतिदिन की औसत बिक्री की बात करें तो यह हर केन्द्र में तीन सौ पीस के लगभग मानी जा सकती है. इतना ही नहीं विटामिन सी की गोलियां भी लोग खूब खरीद रहे हैं.


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