Water monster: झील में छिपा रहस्यमय दानव, स्कॉटलैण्ड की झील है ठिकाना
दुनिया में तीन चौथाई पानी है. जिसके रहस्यों से हम अब तक अनजान हैं. ऐसा ही एक राज छिपा है स्कॉटलैण्ड की लॉस नेस झील में. जहां गहरे पानी में अक्सर रहस्यमय दानवाकार आकृतियां देखी जाती हैं.
नई दिल्ली: कुदरत आंखों को जितना सुकून पहुंचाती है, कई बार इससे जुड़े अनसुलझे रहस्य दिल और दिमाग़ को उतना ही हैरान करते हैं. इस राज़ का नाता जुड़ा हुआ है पहाड़ पर मौजूद एक ऐसी झील के साथ, जिसका रहस्य सुलझाने के लिए सालों से दुनिया भर के वैज्ञानिक कोशिश में जुटे हैं. यहां एक विशाल जल-दैत्य की उपस्थिति के सबूत मिलते हैं.
कई बार देखा गया है झील का दैत्य
ये राज़ जुड़ा है उस दानव झील के साथ जिसकी हक़ीक़त आज तक कोई भी नहीं जान पाया. ये विशाल झील स्कॉटलैंड के पहाड़ों में मौजूद है. पहली बार इसे देखने वाला बेशक इसकी सुंदरता पर दिल हार बैठेगा.
लेकिन दावा किया जाता है इसी झील के अंदर बसी है एक बेहद ही ख़ौफ़नाक राक्षसी दुनिया. इस झील की गहराई इसे और भी ज़्यादा रहस्यमयी बनाती है. ऊपर से किनारों पर इस झील का पानी मैला होने के चलते साफ़-साफ़ दिखाई नहीं पड़ता कि यहां अंदर क्या हलचल हो रही है.
झील के आस पास का माहौल पानी के भीतर मौजूद राज़ को और भी ज़्यादा गहरा कर देता है. पर दावा किया जाता है, समय समय पर ये राज़ अपने आप ही झील से बाहर निकल कर दुनिया के सामने आया और ये राज़ किसी को जल दैत्य मतलब पानी में रहने वाला कोई राक्षस लगा. किसी को सांप की प्रजाति का ही कोई अनदेखा जानवर तो बताने वालों ने इसे विलुप्त हो चुके डायनासोर के साथ भी जोड़कर चौंकाया.
चश्मदीदों के मुताबिक ये रहस्यमयी जीव पानी में बहुत बड़े आकार का दिखाई देता है. लेकिन चलने के मामले में इसकी रफ़्तार काफ़ी तेज़ है और इसकी गर्दन भी लंबी है. इस दैत्य के डर से झील के पास बिना किसी सुरक्षा इंतज़ाम कोई जाने की भूल नहीं करता. क्योंकि जो यहां जाता है, वो लौटकर नहीं आता. दावा करने वालों के मुताबिक झील के अंदर मौजूद रहस्यमयी दानव कभी-कभी इंसान को शिकार भी बना लेता है.
पिछले 87 सालों से की जा रही है तलाश
- झील में मौजूद रहस्यमयी जीव का सच क्या है ?
- क्या वाक़ई झील के अंदर डायनासोर जैसा कोई दानव रहता है ?
इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश पिछले क़रीब 87 सालों से जारी है. पर विज्ञान भी लॉस नेस झील की इस अबूझ पहेली को सुलझा नहीं पाया. आज तक किसी को मालूम नहीं चला कि स्कॉटलैंड में मौजूद दानवों की झील का पूरा सच क्या है.
आधुनिक युग में जल दैत्य की मौजूदगी की ये कहानी अद्भुत अविश्वसनीय और अकल्पनीय है. लेकिन इस राक्षस झील को लेकर बीते सत्तासी सालों से अलग-अलग तरह के किस्से सुनाए जाते रहे हैं. सिर्फ़ लोक मान्यताओं में ही नहीं बल्कि तस्वीरों में भी इस रहस्यमयी झील की होश उड़ाने वाली तस्वीरें सामने आती रही. इसी के साथ ये सवाल भी उठता रहा कि क्या जिन डायनासोर को विलुप्त मान लिया गया. क्या उन्होंने इस झील की गहराइयों में ही अपना संसार बसा लिया है?
झील में दानव का कब कब दिखा निशान ?
चश्मदीदों ने बताया है कि झील के गहरे काले पानी में अचानक अजीब लहरें उठने लगती हैं. जिसके बाद सतह पर पानी के बीच से सिर उठाकर सामने नजर आता है एक रहस्यमयी जीव. देखने वाले हैरान और परेशान थे क्योंकि ये दिखने में कुछ कुछ डायनासोर की तरह ही लग रहा था. साल 1933 में पहली बार राक्षस झील के अंदर मौजूद रहस्यमयी दानव को लेकर यही ब्योरा दर्ज है.
ये रुह कंपा देने वाली आंखों देखी सेंट कोलंबस नाम के एक ईसाई शख़्स के हवाले से दर्ज की गई है. मान्यता है, उस पादरी ने ईश्वर से प्रार्थना कर दानव को जाने का हुक्म दिया और सर्वशक्तिमान का आदेश दानव ने भी मान लिया.
उस वक़्त भी ये सवाल उठा कि झील में अचानक दिखाई दिया जीव कौन है ? क्या ये जीव सचमुच विलुप्त हो चुका डायनासोर है ? या फिर ये पादरी की आंखों का भ्रम या फैलाई गई अफ़वाह है ? दुनियाभर के वैज्ञानिकों के बीच इस रहस्यमयी झील को लेकर बातें होने लगीं.
इस बीच आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों की ओर से भी झील के अंदर कुछ विशालकाय चीज़ हिलती-डुलती देखे जाने का दावा किया जाता रहा. हालांकि इन दावों की कभी कोई प्रमाणिक जांच नहीं हो सकी.
अखबारों में छपी थी दानव की फोटो ?
21 अप्रैल 1934 की तारीख़ थी जब लंदन के डेली मेल अख़बार की तरफ़ से जल-दैत्य की तस्वीर जारी कर दी गई. रॉबर्ट विल्सन की ओर से खींची गई इस छवि को वैज्ञानिकों की ओर से 'द सर्जन फ़ोटो' नाम दिया गया. इसमें भी झील के अंदर से लंबी गर्दन वाला रहस्यमयी जीव दिखाई दिया.
हालांकि, क़रीब 8 साल बाद विल्सन की तस्वीर पर सवाल भी उठाए गए. दावा किया गया कि ये तस्वीर ग़लत ढंग से तैयार की गई है ताकि स्कॉटलैंड की इस झील तक सैलानियों को आकर्षित किया जा सके. पर एक तस्वीर या एक दावे को खारिज कर भी दिया जाए. लेकिन रहस्यमयी झील को लेकर दशकों से इसी तरह के चौंकाने वाले दावे किए जाते रहे हैं.
जानिए कब कब मिले झील के दानव के निशान
- साल 1955 में फ़ोटोग्राफर पीटर ने लॉच नेस झील में मौजूद रहस्यमयी जीव की तस्वीर जारी की.
- साल1960 में ऑरोनॉटिकल इंजीनियर टीम ने एक लॉस नेस झील में दानव को फ़िल्मया
- साल 1960 में क़रीब दस साल नेस इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की ओर से शोध किया गया
- साल 1970 तक चली रिसर्च में सालाना 20 बार रहस्यमय जीवों की मौजूदगी दर्ज की गई
- साल 1970 में पानी के अंदर की तस्वीरें भी ली गईं जिसमें इसी जल दैत्य जैसा जीव देखा गया
- साल 2011 में भी एक बोट कैप्टन ने लॉस नेस झील की तस्वीर खींची. दावा किया गया कि ये जल दैत्य काफ़ी समय तक नाव का पीछा करता रहा.
क्या है झील के दानव की वैज्ञानिक व्याख्या ?
लोक मान्यताएं और अफवाहें अपनी जगह हैं. लेकिन आज के आधुनिक युग में विज्ञान के पैमाने पर इस रहस्यमयी झील में मौजूद शैतान का सच जानना बेहद ज़रुरी हो जाता है. सवाल है, वो विज्ञान जो दुनिया में मौजूद अनगिनत रहस्यों की गुत्थी सुलझा चुका. उसकी खोज इस शैतानी झील के बारे में अब तक पुख़्ता तरीक़े से क्या बता पाई?
राक्षस झील को लेकर अलग-अलग वक़्त में कई तरह के दावे किए जाते रहे हैं लेकिन अब तक रहस्यमयी झील में मौजूद शैतानों से जुड़ी मुकम्मल तफ़्तीश इसलिए मुश्किल से हो पाई. क्योंकि ये झील बेहद गहरी है. दूसरा, इस शैतानी झील को लेकर जो कहानियां किस्से सुनाए जाते हैं, उसके चलते हर किसी के ज़ेहन में मौत का ख़ौफ़ भी मंडराता रहा.
लेकिन हाल में दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने इस शैतानी झील को लेकर एक बड़ी रिसर्च की. इस पड़ताल के लिए ज़रिये पानी में उस रहस्मयी जीव का डीएनए तलाशने की कोशिश हुई. ये खोज न्यूजीलैंड के ओटागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नील गेममैल और उनकी टीम की ओर से हुई.
लेकिन इस रिपोर्ट ने रहस्य से पर्दा उठाने की बजाय और भी बड़े सवाल खड़े कर दिए. दरअसल, वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि झील में बड़ी मात्रा के अंदर ईल मछली के डीएनए मौजूद हैं. डीएनए से खुलासा नहीं हो सकता कि ईल का आकार कितना बड़ा है.
लेकिन जितनी बड़ी मात्रा में ईल डीएनए झील से मिला उससे यहां राक्षस होने की थ्योरी खारिज नहीं की जा सकती. मतलब एक तरह से शैतानी झील को लेकर लोगों के चौंकाने वाले दावे वैज्ञानिकों की इस पड़ताल में भी पूरी तरह किसी अंजाम तक नहीं पहुंच पाए. लेकिन उन्हें ग़लत या निराधार भी नहीं बताया गया. वैज्ञानिक इस आधार पर ईल दानव होने का भी दावा कर रहे हैं. समुद्र में दानवाकार ईल मछलियों के सबूत मिले हैं. जिनके विशाल अवशेष कई बार लहरों से बहकर किनारे भी पहुंचे हैं.
इसलिए लॉस नेस झील का दानव भी कोई रहस्यमय ईल मछली या उसकी कोई विशेष प्रजाति हो सकती है. ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है.
झील में मौजूद दानव का वीडियो आप यहां देख सकते हैं-
झील में मौजूद रहस्यमय दानव का वीडियो यहां देखें...
Posted by Zee Hindustan on Monday, 2 November 2020
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