बिना पंडित के पितरों का कैसे करें पिंडदान, जानें श्राद्ध-कर्म संपन्न करने की विधि


Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व होता है. पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, दान-पिंड किया जाता है, लेकिन यदि किसी कारण से पंडित उपलब्ध नहीं हो पा रहें हैं तो आप स्वयं भी पितरों का पिंडदान कर सकते है. 

Pitru Paksha 2024: सनातन धर्म के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पितर धरती पर अपने बच्चों को आशीर्वाद देने आते हैं. किसी कारण से पंडित की उपस्थित न होने पर हिंदू धर्म में इसके उपाय बताएं गये हैं कि कैसे पिंडदान करना है? 

1 /6

पितृ पक्ष में पितरों के श्राद्ध कर्म के लिए पंडितों का होना आवश्यक माना गया है, लेकिन किसी कारण यदि पंडित उपस्थित न हो सकें तो इसके लिए हिंदू धर्म में समाधान भी बताया गया है.  

2 /6

भगवान सूर्य को जगत पंडित माना जाता है, यदि श्राद्ध कर्म के दौरान पंडित नहीं मिल पाते हैं तो आप सूर्य देव के सामने स्वयं खड़े होकर अपने पितरों का दान कर सकते हैं, चलिए जानते हैं इसकी पूजा-विधि क्या है?  

3 /6

स्वयं पिंडदान करने के लिए नदी में खड़े होकर अपने हाथ में जौ, तिल, चावल लेकर अपने पितरों का नाम लेकर भगवान सूर्य को अर्पित कर पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

4 /6

यह प्रक्रिया आपको ग्यारह बार करनी पड़ेगी. इसके साथ ही कच्चा दूध, चावल के लड्डू, अदरक, सूखे आंवले और कच्ची सूत के धागे को जल में प्रवाहित करनी है.  

5 /6

इसके साथ ही दीपदान, तिलक, अक्षत, नारियल, फूल और मिठाई भी चढ़ाएं. पिंडदान करते समय इस बात का ध्यान रहे कि सिले हुए वस्त्र न पहने केवल साफ धोती ही पहन कर पिंडदान करना चाहिए.

6 /6

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी इंटरनेट से ली गई है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें.