इस समय करें सुंदरकांड का पाठ, हनुमान जी बना देंगे सभी बिगड़े काम
सुंदरकांड का पाठ करने से मनोकामना जल्द ही पूर्ण हो जाती है. मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से सारे बिगड़े काम बन जाएंगे. आइए जानते हैं किस समय सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.
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भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है. सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है. रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैंए लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है.
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जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया हैए उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है. इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय के बारे में बताया गया है.
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भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं. उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती. यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा आप शाम के समय भी सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.
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भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है. शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहींए विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है. विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है. इस पाठ की एक.एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए.
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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.