नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर भारत सरकार इंच भर भी झुकने वाली नहीं है. मोदी सरकार चीन को उसी की भाषा में कड़ा जवाब देने में सक्षम है. दूसरी तरफ विपक्ष के कई नेता इस गंभीर संकट के समय में भी सियासत करने से नहीं चूक रहे हैं. केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी पार्टियों की आशंकाएं दूर करने की नेक पहल की है. पीएम मोदी की कोशिश है कि चीन के मसले पूरा देश एकजुट हो. सोमवार को भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी जिसमे भारत के 20 और चीन के 43 से भी अधिक जवानों की जान गई थी.


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एकमत बनाने में जुटी मोदी सरकार


भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को निपटाने के लिए और चीन को कड़ा सबक सिखाने के लिए पूरे देश में एकमत तैयार करने की आवश्यकता है. प्रायः देश के मामले में कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल अपनी निजी वोट बैंक की राजनीति करने लगते हैं. भारत में अब भी एक ऐसा वर्ग है जो भारत के ऊपर दूसरे देशों को वरीयता देता है. इससे भारत के बहादुर सैनिकों का पराक्रम और मनोबल क्षीण होता है.


खुद रक्षामंत्री ने बड़े दलों से की बात


आपको बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सर्वदलीय बैठक से पहले सभी प्रमुख पार्टियों के अध्यक्षों से फोन पर बात की और चर्चा की. इस बैठक में कुल 17 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं. बैठक में चीन को लेकर जारी विवाद और मौजूदा हालात पर चर्चा की जाएगी. बैठक शाम पांच बजे वर्चुअल तरीके से होगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत कई दिग्गज नेता इस बैठक में हिस्सा लेंगे.


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कई छोटे दल नाराज


भारत की राजनीति में कई ऐसे राजनीतिक दल हैं जो संकट के समय को भी सियासत के लिए प्रयोग करते हैं. इनमें आम आदमी पार्टी और राजद भी आगे रहती हैं. आप नेता अरविंद केजरीवाल ने तो सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े किए थे लेकिन वो भी बैठक में शामिल होना चाहते थे. सरकार की ओर से आम आदमी पार्टी को न्यौता नहीं दिया गया. इसका मूल कारण ये है उसकी लोकसभा में पहुंच न के बराबर है. सूत्रों का कहना है कि जिन पार्टियों के लोकसभा में पांच या उससे अधिक सांसद हैं उन्हें ही बैठक में बुलाया गया है.


ये नेता हो सकते हैं शामिल


उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी बैठक में शिरकत कर सकती हैं. उनके अलावा नीतीश कुमार, शरद यादव, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव, सुखबीर बादल, मायावती, अखिलेश यादव समेत कई नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. तेजस्वी यादव को भी बैठक में नहीं बुलाया गया है.