जयपुर: राजस्थान में चल रहे सियासी संकट में आखिरकार अशोक गहलोत को अपने दावे से पीछे हटना पड़ा है. वे कई दिनों से कह रहे थे कि भाजपा सचिन पायलट की मदद से उनकी सरकार गिराने की साजिश कर रही है और कांग्रेस के विधायकों को पैसा देकर खरीदने की कोशिश हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी जांच करने के लिए एक SOG भी गठित की थी जिसकी जिम्मेदारी थी कि वो सरकार गिराने की साजिश का पता लगाएं और खरीद फरोख्त की कोशिशें नाकाम करे.


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SoG ने सभी FIR वापस लीं


 अशोक गहलोत की इस जांच एजेंसी ने आखिर हार मान ली है. राजस्थान पुलिस की एसओजी ने 28 दिन बाद तीनों FIR यह कहकर बंद कर दी हैं कि इसमें कोई मामला नहीं बन रहा है. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के वकील संत कुमार ने कोर्ट से कहा है कि इस मामले में हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते हैं.


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SoG में कई जगह पर की थी छापेमारी


गौरतलब है कि एसओजी ने दावा किया था कि ब्यावर में रहने वाले भरत मालानी और उदयपुर के रहने वाले अशोक सिंह कई लोगों के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे. इस मामले में एसओजी के इंस्पेक्टर के दर्ज कराए गए बयान के आधार पर SOG ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस जारी कर दिया था और इसके बाद कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी.


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भाजपा ने लिया आड़े हाथ


राजस्थान में सरकार गिराने के सभी आरोप झूठे साबित हुए हैं. इस पर भाजपा को अब मौका मिल गया है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए भाजपा ने कहा कि SOG ने 24 जगहों पर छापेमारी की और मानेसर और दिल्ली की होटलों में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को भेजकर राजस्थान पुलिस से नौटंकी करवाई. निर्दोष लोगों को 1 महीने तक जेल में रखने की सजा किस को मिलनी चाहिए.