नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीनों का ही समय बाकी है ऐसे में सभी दल गठबंधन से लेकर चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं.


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एक तरफ जहां BJP और सपा छोटे छोटे दलों का साथ लेकर चुनाव में कूद रहे हैं वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने 16 दिसंबर को जिला अध्यक्षों, नगर अध्यक्षों के साथ ही मंडल प्रभारियों की एक अति महत्त्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें सपा के साथ गठबंधन को लेकर छाई धुंध हट सकती है.


15 और 16 को होगी महत्वपूर्ण बैठक
राजधानी लखनऊ की सभी 9 सीटों पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने दावेदारी करने वालों से आवेदन मांगा है. प्रसपा ने प्रदेश कार्यालय में 15 और 16 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव भविष्य की रणनीति पर पार्टी नेताओं संग चर्चा करेंगे.


बैठक में पहले दिन यानी 15 दिसंबर को मंडल और सह मंडल प्रभारी बैठक करेंगे, दूसरे दिन 16 दिसंबर को नगर अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, प्रमुख महासचिव, सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, और कार्यकारिणी के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे.


प्रसपा और सपा में बातचीत जारी है
बीते कई दिनों से प्रसपा और सपा में गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है, इसकी वजह से कई जिलों में नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका है.  पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने चुनाव को लेकर संगठन की तैयारियों को लेकर ये बैठक बुलाई है. इसमें पार्टी अध्यक्ष चुनावी तैयारियों को लेकर दिशा निर्देश भी जारी करेंगे.


अखिलेश के सुरों में चाचा को लेकर नरमी
अखिलेश यादव सत्ता में वापसी के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हैं. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से अखिलेश के सुरों में चाचा शिवपाल को लेकर नरमी आ गई थी. उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंच से कहा भी है कि चाचा का पूरा सम्मान होगा, राजनीतिक लड़ाई में चाचा हमारे साथ होंगे. इतना ही नहीं अखिलेश शिवपाल के करीबी और मजबूत नेताओं को भी एडजस्ट करने का आश्वासन दे रहे थे.


शिवपाल कर रहे इतने सीटों की डिमांड
शिवपाल यादव भी सपा के साथ गठबंधन से आगे बढ़कर विलय तक की बात करने लगे थे. शिवपाल ने मुलायम के जन्मदिन पर सैफई के दंगल कार्यक्रम में अखिलेश से गठबंधन की शर्त में पहली बार सीटों को लेकर सार्वजनिक रूप से पहली बार 100 सीटों की डिमांड की है.


दरअसल, सपा से गठबंधन या विलय की स्थिति में शिवपाल करीब 100 सीटें चाहते हैं, जिसके लिए अखिलेश यादव तैयार नहीं हैं. इसके अलावा शिवपाल अपने जिन करीबी नेताओं को टिकट के लिए पैरवी कर रहे हैं, उनमें ज्यादातर अखिलेश के विरोधी रहे हैं. ऐसे में इन दोनों ही शर्तों पर अखिलेश रजामंद नहीं हैं.


प्रसपा लोहिया के वरिष्ठ नेता और थिंक टैंक के सदस्य कृष्णा यादव ने जी मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी इस महत्वपूर्ण  बैठक में अपने नेताओं से चुनाव को लेकर फीडबैक, गठबंधन को लेकर कार्यकर्ताओं की राय और कार्यकारणी गठन पर चर्चा करेगी.


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