उत्पादकों ने दूध के दाम बढ़ाने की मांग रखी, महाराष्ट्र में सड़कों पर बिखरा दूध
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहा है. बताया गया कि संगठन ने महाराष्ट्र के हिंगोल में दूध के टैंकर को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने टायर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई तो वहीं परभणी के औंढ़ा इलाके में ट्रक को जबरन रुकवाकर आंदोलन किया.
मुंबईः कोरोना संकट से बुरी तरह जूझ रही महाराष्ट्र सरकार को अब दुग्ध उत्पादकों और विक्रेताओं की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है. राज्य में कई दिनों से जारी प्रदर्शन लगातार उग्र होते जा रहे हैं. सोमवार-मंगलवार को भी डेयरी उत्पादकों का प्रदर्शन जारी रहा. वे सभी दूध केदाम में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं.
हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की
जानकारी के मुताबिक, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहा है. बताया गया कि संगठन ने महाराष्ट्र के हिंगोल में दूध के टैंकर को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने टायर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई तो वहीं परभणी के औंढ़ा इलाके में ट्रक को जबरन रुकवाकर आंदोलन किया. प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस घटनास्थल पर पहुंची.
बहा दिया कई लीटर दूध
मांगे ने माने जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने सांगली में कई लीटर दूध सड़क पर बहा दिया. इसके साथ ही राज्य में किसान दूध से मंदिरों में अभिषेक कर रहे हैं, वितरण कर रहे हैं और बहा रहे हैं.
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की ओर से दूध उत्पादक किसानों को दूध और दूध पाउडर के लिए ज्यादा कीमत दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करने का ऐलान किया गया था. अब इस प्रदर्शन में भाजपा भी शामिल हुई है.
ये है मांगें
दूध उत्पादकों ने सरकार से मांग की है कि दूध के दाम में 10 रुपये की बढ़ोतरी की जाए. साथ ही दूध पाउडर के लिए 50 रुपये अनुदान देने की मांग भी की जा रही है. इसके साथ घी, श्रीखंड जैसे उत्पादों से GST हटाने की मांग की गई है. उनका तर्क है कि ये भी एग्रीकलचर प्रोडक्ट हैं. इसके साथ ही सरकार से 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी की मांग की गई है
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