Mamata Vs BJP: क्या दीदी के गुंडों को ईंट का जवाब कमल से मिलेगा?
पश्चिम बंगाल (West) में आगामी चुनाव को देखते हुए सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है. TMC के `पत्थरबाजों` ने भाजपा अध्यक्ष पर पत्थर से हमला किया, जिसके बाद TMC Vs BJP की जंग दिन पर दिन तेज होती जा रही है. कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान सामने आया है, जिसके बाद ये सवाल उठता है कि क्या वाकई ईंट का जवाब कमल से मिलेगा?
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव भले ही 2021 में हो लेकिन वहां सियासी युद्ध (Political War) का दौर शुरू हो चुका है. 10 दिसंबर को बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले पर पत्थरबाजी हुई. जिसे लेकर बीजेपी ने ममता सरकार (Mamata Government) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा (BJP) के कुछ नेता तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार ने आज बंगाल में तैनात 3 IPS अफसरों को केंद्र में वापस बुला लिया. विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से 5 महीने पहले बंगाल में बड़ा सियासी घमासान हो रहा है. लेकिन इस बार ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और बीजेपी के बीच जो युद्ध शुरू हुआ है, उसकी जड़ में है ईंट..
बंगाल में ईंट Vs कमल
ईंट.. इन दिनों बंगाल की राजनीति का सबसे बड़ा मुद्दा बन गई है, ईंट से बनी नींव पर एक आलाशीन घर तैयार हो सकता है. ईंट से ईंट को जोड़कर मजबूत चाहरदीवारी बनाई जा सकती है, लेकिन बंगाल में तो ईंट ने राजनीतिक विरोध की नई कहानी ही खड़ी कर दी है.
एक ईंट ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक ऐसी नींव तैयार कर दी है. जिस पर किसकी राजनीतिक इमरात खड़ी होगी, ये अगले साल 2021 के मई महीने में पता चलेगा. पश्चिम बंगाल में ईंट की कहानी कहां से आई. इसके लिए आपको 10 दिसंबर को TMC के गुंडो की करतूत को याद करना पड़ेगा.
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भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) 10 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में आए थे, ये ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) का गढ़ माना जाता है. जेपी नड्डा और बीजेपी नेताओं का काफिला जैसे-जैसे डायमंड हार्बर इलाके से गुजर रहा था. सड़क के दोनों और से उनके काफिले पर ईंट और पत्थर बरसाए जा रहे थे. ईंट-पत्थर बरसाने का आरोप तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं पर था. बीजेपी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की कार पर ईंट फेंके गए थे.
मां, माटी और पत्थर! किसका बंगाल?
राजनीतिक विचार धारा का विरोध तो हर राज्य में हर सियासी दल करते हैं, लेकिन राजनीतिक विरोधियों पर पत्थर बरसाने की ऐसी तस्वीर बंगाल के अलावा शायद ही कहीं देखने को मिली हो. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले साल मई में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे 5 महीने पहले ही बंगाल (Bengal) की राजनीति में चुनावी गर्मी बढ़ गई है. बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) की घड़ी करीब आएगी, राजनीतिक संग्राम बढ़ता ही जाएगा.
भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला
पश्चिम बंगाल के दुर्गापूर में शुक्रवार को भाजपा (BJP) कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया और उनके घर के बाहर रखे सामान में आग लगा दी गई. बीजेपी (BJP) कार्यकर्ताओं ने हमले का आरोप तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर लगाया है. इस खूनी साजिश पर बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता ने कहा कि "ये दुखी होने वाली बात है कि किसी के परिवार में आग लग जाए, किसी के घर में असुविधा हो जाए. ये निंदा करने वाली बात है, लेकिन जो मैंने देखा कि मेरे साथी आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे. ये BJP की संस्कृति में नहीं है कि आग लगाए."
बीजेपी (BJP) ने तो ईंट का जवाब अब कमल के फूल से देने का ऐलान कर दिया है. कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने ये फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है, "भाजपा की अपनी रीति-नीति है, हम अपनी सहिष्णुता नहीं छोड़ते. हम ईंट का जवाब फूल से देंगे. हमारा 'कमल' राज्य को नई पहचान देगा."
बंगाल में बीजेपी (BJP) और टीएमसी (TMC) के बीच ईंट से शुरू हुई लड़ाई, अब प्रशासनिक लड़ाई में भी तब्दील हो गई है. जेपी नड्डा (JP Nadda) के काफिले पर हमले के बाद से केंद्र सरकार एक्शन में है.
गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने 3 IPS अफसरों को पश्चिम बंगाल से केंद्र में वापस बुला लिया है. इन 3 IPS अफसरों पर बंगाल (Bengal) में बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी थी. नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को 14 दिसंबर को दिल्ली तलब किया है, लेकिन ममता सरकार (Mamata Government) इस पर भी केंद्र से तकरार के मूड में है. ममता सरकार ने साफ कर दिया है कि दोनों अधिकारी दिल्ली (Delhi) नहीं जाएंगे.
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यानी, ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भी सीधे-सीधे केंद्र सरकार को ये इशारा दिया है कि अब वो प्रशासनिक लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं. पिछले दिनों ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इसका संकेत भी दिया था. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और केंद्र सरकार के बीच राजनीतिक जंग (Political War) बहुत पुरानी है. ममता सरकार और राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) के बीच अक्सर प्रशासनिक फैसलों को लेकर विवाद होते रहे हैं, लेकिन इस बार तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमले ने दुश्मनी की आग को नई हवा दे दी.
5 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में आपको ये जानना चाहिए कि राज्य में किस पार्टी की क्या हालत है? 2016 विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या है ये आपको बताते हैं. कुल सीट - 294 सीटों वाली विधानसभा में..
टीएमसी - 211
कांग्रेस - 44
लेफ्ट - 28
बीजेपी - 3
अन्य - 8
वहीं 3 लोकसभा चुनाव हुए तो, 42 लोकसभा वाले राज्य में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही..
टीएमसी - 22
बीजेपी - 18
कांग्रेस - 2
लेफ्ट का खाता भी नहीं खुला
यानी 3 साल में बीजेपी ने राज्य में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत की है. राजनीति में एक-दूसरे के खिलाफ जुबानी जंग तो आम बात है, लेकिन राजनीतिक विरोधियों पर पत्थर बरसाने और कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना को किसी भी कीमत पर जायज नहीं कहा जा सकता.
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