राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आखिर अपने देश के जवानों से कौन सी दुश्मनी है? इस सवाल का जवाब पूरा देश जानना चाहता है. ये सवाल आखिर क्यों उठा इसके पीछे की एक-एक वजह आपको समझाते हैं. कार्ल मार्क्स का एक चर्चित कथन है, 'हिस्ट्री रिपीट्स इटसेल्फ, फर्स्ट एज ट्रेजेडी, सेकंड एज फार्स.' यानी 'इतिहास खुद को दोहराता है, पहले यह त्रासदी के रूप में घटित होता है और बाद में तमाशे में तब्दील हो जाता है.' राहुल गांधी एक तमाशा बन चुके हैं. इस बात पर वो खुद बार-बार मुहर लगा देते हैं.


दंगाइयों के हितैषी बने राहुल 'बाबा'


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जिसने गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर राष्ट्र का अपमान किया, जिसने लालकिले की गरिमा की धज्जियां उड़ाईं, जिसने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के 394 वीर जवानों को लाठी-डंडे, पत्थर और तलवार से पीटकर जख्मी कर दिया. उसके लिए राहुल गांधी को बहुत दया आ रही है. राहुल गांधी को शायद शर्म नहीं आती है, तभी तो वो बार-बार देश के वीर जवानों का अपमान करने हैं. एक बार फिर राहुल गांधी ने ऐसी ही करतूत को अंजाम दिया है.



राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की डर्टी पॉलिटिक्स के बारे में समझना है तो उनका ये ट्वीट काफी है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उन्होंने देश के जवानों के जख्मों पर नमक छिड़का हो. जब हुड़दंग और उपद्रव के खिलाफ जन आक्रोश फैला तो गांधीगीरी की नौटंकी शुरू कर दी. क्या देश के जवानों का अपमान करना राष्ट्र विरोध नहीं है, क्या ये देश की गरिमा के खिलाफ नहीं है?


जवानों के जख्म पर नमक क्यों?


किसान आंदोलन (Farmer Protest) की आड़ में राहुल गांधी की सियासत का असल खेल पूरा देश देख रहा है. दिल्ली की गरिमा को जिस तरह से तार-तार किया गया, वो किसी से छिपा नहीं है. डंडे और झंडे के दम पर सरकार को सड़क पर लाने की मंशा पालने वालों का मकसद जब नाकाम रहा तो गांधीगीरी शुरू कर दी. आंदोलन की आड़ में सियासी प्रपंच का सच कांग्रेस (Congress) के युवराज की करतूतों से समझा जा सकता है.


किसान आंदोलन सियासी नौटंकी का अड्डा बन चुका है. किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहा विपक्ष मैदान में है और मूर्छित हो चुके आंदोलन संजीवनी देने में जुटा है. शर्मनाक बात तो ये है कि विपक्षी नेता ट्रैक्टर टेरर और लाठी के दम पर राजपथ पर कब्जे की मंशा पाले हुड़दंगियों के साथ खड़े हैं, लेकिन उन जख्मी जवानों की उन्हें कोई फिक्र नहीं.. जिन्होंने लालकिले के सम्मान के लिए अपना लहू बना दिया. राजपथ की गरिमा को गिरने से बचाने के लिए खुद गिर गए.


बार-बार अनपढ़ों जैसी बातें क्यों करते हैं कांग्रेस के 'युवराज' राहुल गांधी?


राहुल गांधी को किसानों से प्रेम का दिखावा करना है तो वो शौक से करें, राजनीति करनी है तो वो भी शौक से करें.. मगर देश के जवानों का अपमान करके अगर वो अपनी सियासत चमकाने की प्लानिंग करते हैं, तो पूरा देश उन्हें करारा जवाब देने के लिए तैयार है. राहुल गांधी ने देश के जवानों के पक्ष में एक भी ट्वीट नहीं किया, दिल्ली पुलिस के जवानों को लाठी-डंडे से पीटा गया तो उन्हें सांप सूंघ लिया और अब वो नौटंकी करके वोटबैंक की सियासत कर रहे हैं. धिक्कार है...


राहुल गांधी का 'पाकिस्तान प्रेम' समझिए


कांग्रेस नेताओं के पाकिस्तान (Pakistan) प्रेम की लिस्ट बड़ी लंबी है, जिसमें सर्वोच्च स्थान पर राहुल गांधी ही आते हैं, तभी तो उन्होंने आतंकी मसूद अजहर को 'मसूद अजहर जी' कहा था.


देश से गरीबी मिटाएंगे राहुल गांधी! जानिए क्या है उनका प्लान?


इतना ही नहीं राहुल गांधी ने सेना-सरकार से बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) के सबूत मांगे, तो पाक ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का दावा झूठा करार दे दिया. राहुल गांधी को अपने देश की सेना पर भरोसा नहीं है, तभी तो उनको दंगाइयों पर दया आती है. राहुल गांधी को सिर्फ अपनी सियासत से मतलब है, इसके लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं. राहुल गांधी के पदचिन्हों पर उनके कांग्रेसी नेता भी चलते हैं.


इसके सबसे बड़े उदाहरण उनके चहेते नेता नवजोत सिंह सिद्धू हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) को 'फरिश्ता' बता दिया था. दिग्विजय सिंह ने तो आतंकी हाफिज को 'हाफिज साहब' तक कह दिया था. इसके अलावा कांग्रेस नेता बी के हरिप्रसाद ने ये आरोप लगाया था कि 'पुलवामा (Pulwama) हमला मोदी और पाकिस्तान के बीच 'मैच फिक्सिंग' है.' वहीं मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि भारत-पाक के बीच बातचीत तभी आगे बढ़ेगी जब मोदी 'पीएम पद से हटेंगे'.


राहुल गांधी की फिर फिसली जुबान, नासमझी का बड़ा सबूत


राहुल गांधी देश को गुमराह करने की चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन सच सबके सामने है. पूरे देश ने 'लाल किला कांड' अपनी आंखों से देखा, पूरा देश उपद्रवियों की करतूतों का गवाह है. राहुल गांधी ऐसे ट्वीट करके देश को बरगलाने की साजिश रच रहे हैं, मगर उनका ये मंसूबा कभी कामयाब नहीं हो पाएगा. राहुल गांधी जी आप अच्छे से समझ लीजिए कि देश के जवान बिकाऊ नहीं हैं, भारत मां के सपूतों का अपमान.. नहीं सहेगा हिन्दुस्तान..!


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