देश से गरीबी मिटाएंगे राहुल गांधी! जानिए क्या है उनका प्लान?

कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने इन दिनों किसानों के कंधे पर अपनी बंदूक रखकर सियासत चमकाने का मन बना लिया है. राहुल गांधी ने तमिलनाडु में मोदी सरकार के खिलाफ खूब जहर उगला. इस मौके पर राहुल गांधी ने फिर अपनी अजीब गरीब बातों से खुद का मजाक बना लिया.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Jan 24, 2021, 05:25 PM IST
  • सियासी दुकान चमकाने का कांग्रेसी ट्रिक
  • तमिलनाडु में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी
  • गरीबी मिटाने का कांग्रेस वाला फंडा समझिए
देश से गरीबी मिटाएंगे राहुल गांधी! जानिए क्या है उनका प्लान?

नई दिल्ली: राहुल गांधी ने रोड शो के दौरान तमिलनाडु के ईरोड में जनसभा को संबोधित किया. इस मौके पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे. हजारों लोगों के हुजूम में राहुल गांधी ने एक तरह तमिलनाडु होने वाले चुनाव के लिए अभियान की शुरुआत की है. इस मौके पर राहुल गांधी ने एक बड़ी ही अजीब बात कह दी.

राहुल गांधी देश से गरीबी मिटाएंगे!

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कहते हैं कि उन्होंने देश से गरीबी मिटाने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है, लेकिन उनका प्लान बड़ा ही अजीब है. पहले आपको ये बताते हैं कि तमिलनाडु में सियासी दुकान चमकाने के लिए राहुल गांधी ने क्या कहा और देश के गरीबों को क्या सपने दिखाए.

राहुल बाबा ने कहा कि 'आखिरी लोकसभा चुनावों में हमने ये आईडिया सुझाया था कि भारत में ऐसे बहुत से लोग है जो गरीब है और अपनी जरूरत की चीज को भी मुश्किल से पाते हैं और हम नहीं चाहते कि उनके लिए कोई आधा वादा या सॉल्यूशन हो, हम चाहते हैं कि पूरा सॉल्यूशन हो. जिसके लिए हम न्याय योजना ला रहे थे, उसमें था ये कि गरीब लोगों के खाते में सरकार सीधा पैसा डालेगी और वो उससे काम करेंगे. क्या आपको पता है मोदी जी ने 15 बिजनेसमैन को 10 लाख करोड़ गिफ्ट में दिए हैं, मैंने ये प्रश्न आखिरी लोकसभा में उठाया था कि अगर आप 15 बिजनेसमैन को ये पैसे दे सकते हैं तो मिलियन लोगों को क्यों नहीं? न्याय योजना के साथ हम व्यक्ति के खाते में पैसे डालते जब तक वो गरीबी से बाहर ना जाए. आईडिया ये ही था कि वो गरीबी से बाहर आ जाये और मोह लगता है कि ये आईडिया बहुत अच्छा था, लेकिन कांग्रेस की सत्ता की वापसी होते ही हम इसको लागू करेंगे. भारत में कुछ लोगों को भ्रम है कि भारत गरीब देश नहीं है, बल्कि यहां कुछ गरीब लोग हैं. देश में पैसे की कमी नहीं है, बल्कि पैसे को सही से पहुंचाने की जरूरत है. हम यहां के सभी मुद्दे संसद भंवन में भी उठाएंगे.'

राहुल गांधी की बात में कितना दम है, इसकी सच्चाई समझने के लिए आपको 40 साल पहले के उस सियासी नारे को समझना होगा, जिसके दम पर कई दफा कांग्रेस (Congress) ने सत्ता में वापसी की. इंदिरा गांधी ने 1971 के चुनाव में गरीबी हटाओ नारा देकर आमजन की हमदर्दी बटोरी. जब कांग्रेस को ऐसा लगता है कि उनके पास मुद्दों की कमी है, तो कांग्रेसी नेता गरीबी हटाओ-गरीबी हटाओ चिल्लाने लगते हैं. राहुल गांधी भी उसी ट्रैक पर हैं और आजकल गरीबी हटाओ की बातें कर रहे हैं. राहुल बाबा कह रहे हैं कि उनकी सरकार आएगी तो वह गरीबों के खाते में पैसे डालेंगे और गरीबों की गरीबी का खात्मा कर देंगे. राहुल गांधी से एक सवाल पूरा देश पूछना चाहता है. क्या राहुल गांधी देशवासियों को मूर्ख समझते हैं? 6 साल से उनकी पारिवारिक पार्टी के हाथ से सत्ता छिनी तो उन्होंने झूठे वादों की झड़ी लगा दी. उनको इतना तो समझ ही लेना चाहिए कि देश कोई रोबोट नहीं है, जिसे एक रिमोट से चलाया जा सके.

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इतने सालों से उनकी पार्टी कांग्रेस की सत्ता देश पर सियासी कब्जा किए बैठी थी, लेकिन जनाब राहुल गांधी ने उस वक्त तो गरीबों को पैसे देकर अमीर बनाने के बारे में एक पल के लिए भी नहीं सोचा. अब वो मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने में जुट गए हैं. वो सोचते हैं कि इस हथकंडे से सत्ता में वापसी की जा सकती है. सियासत बहुत बुरी चीज है, यहां हर कोई सपने दिखाकर सरकार बनाता है, सरकार बनते ही वो हवा हो जाता है. देश के किसान, मजदूर और गरीब सिर्फ गेहूं में घुन के समान हैं, जो पिसे जा रहे हैं.. पिसे जा रहे हैं.. मौज काटने वाले लोग मौज कर रहे हैं. सियासत चमकाने वाले लोग सियासी मजा लूट रहे हैं. राहुल गांधी का ये प्लान गरीबों के हित में नहीं, बल्कि कांग्रेस के हित में है. उनको अगर गरीबों की इतनी ही परवाह होती तो 40 साल पहले गरीबी हटाओ अभियान सिर्फ सियासी हथकंडा बनकर नहीं रह जाता. राहुल गांधी जी से हर गरीब पूछना चाहता है कि सियासत के लिए आप कितना झूठ बोलेंगे.

तमिलनाडु में राहुल गांधी की सियासी चाल!

राहुल गांधी ने कहा कि 'मैं यहां किसानों, मजदूरों, छोटे और मध्यम कारोबारियों के एक सरकार का चुनाव करने में आपकी मदद करने के लिए हूं, एक सरकार जो तमिलनाडु के लोगों के हितों की देखभाल करती है. मैं यहां आपसे सीखने, आपकी बात सुनने और मेरे परिवार और तमिलनाडु के लोगों के बीच कई वर्षों से संबंध मजबूत करने के लिए आया हूं. मैं दिल्ली में तमिल लोगों का सिपाही बनना चाहता हूं. प्रधानमंत्री जी सोचते है कि तमिल की जनता को ब्लैकमेल करके कंट्रोल कर लिया जायेगा, लेकिन तमिल की जनता कंट्रोल होने वाली नहीं है. इतिहास बताता है कि अगर आपको तमिल के लोगों के सतह जुड़ना है, तो पहले उनसे प्यार कीजिये, सम्मान दीजिये. अगर आप ये सब दे सकते है तो आप आराम से तमिल की जनता के साथ काम कर सकते है. कांग्रेस पार्टी ने तमिल के लोगों के साथ पुल बनाया है. TAMIL की भाषा को दूसरे राज्यों की भाषा की तरह ही इज्जत मिलनी चाहिए. मैं समझ सकता हूं कि बीते 6 सालों में आपने बहुत कुछ झेला है. नोटबंदी, GST से गरीब मजदूर और आम लोगों को खत्म किया गया.'

उन्होंने आरोप लगाया कि 'भारत में सिर्फ 4-5  पूंजीपतियों के लिए काम हो रहा है. किसानों को सुना नहीं जा रहा, उनकी परेशानी समझने की बजाय उन्हें आतंकवादी घोषित कर दिया जाता है. कांग्रेस यहां आम लोगों के साथ मिलकर चलेगी, जनता का काम करेगी.'

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राहुल का कहना है कि 'ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि आपसे बात करने के लिए मैं यहां हूं, मैं सोचता हूं कि जो लेबर जो किसान अपने हाथों से काम करते हैं. वो किसी भी इमारत की नींव होते हैं. किसान, मजदूर, कलकार देश को कभी अंग्रेजों को नहीं बेच सकता है. मैं देश के भविष्य के लिए आपकी बात सुनने यहां आया हूं. मैं भी अपने कुछ ओपिनियन यहां रखूंगा. आपने नोटिस किया होगा कि चाइनीज आर्मी हमारी सीमा पर कब्जा कर रही है और बहुत से लोग बोल रहे हैं कि बांग्लादेश हमें टेक्सटाइल इंडस्ट्री में पिछाड़ रहा है. अब सवाल ये है कि कैसे चीन की हिम्मत हुई कि वो हमारे देश में घुसा? किसने उसे अंदर आने का मनोबल दिया. इससे पहले तो ये कभी नहीं हुआ. आप लोग ये सोच रहे होंगे की राहुल गांधी यहां ये बात क्यों कर रहा है, अब मैं आपको बताता हूं. वो लोग सोचते है की भारत कमजोर है. प्रधानमंत्री भी चीन को कोई जवाब नहीं देते. आखिरी 3-4  महीनों से उन्होंने चीन नाम का शब्द भी नहीं बोले है और चीन भारत के अंदर बैठा है. चीन हर सिंगल एक्टिविटी को देख रहा है कि भारत में सिर्फ सरकार 4-5  पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है. मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि अगर हमारे किसान, लेबर, मजदूर मजबूत हो जाये तो चीन की हिम्मत नहीं वो घुस जाये.'

राहुल ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि 'किसान को खत्म करने का सबसे पहला काम नोटबंदी से  हो गया था, वो चाहते थे कि देश का गरीब मजदूर किसान अपने पैसे से काम कर सके. GST  इतना कॉम्प्लिकेटेड बनाया कि आम जनता समझ ही ना पाए. कोरोना के समय अमीर लोगों से लोन वापिस लेना ही भूल गयी, लाखों लाख करोड़ लोन वापिस नहीं लिया. आम जनता का एक दिन भी नहीं भूला जाता. अगर आप उनका फोन उसे कर रहे हैं, तो उन्हें भी आपकी बनाई हुई शर्ट पहननी चाहिए. आप लोगो को सपोर्ट की जरूरत है.'

राहुल गांधी का सियासी ड्रामा किसी से नहीं छिपा है, ऐसे में वह समझते हैं कि बार-बार गरीबों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर और उनसे वादे करके वोट हासिल किया जा सकता है. कभी किसानों के आंदोलन में सियासी पैंतरेबाजी करते हैं, तो कभी शाहीन बाग का समर्थन करते हैं. कांग्रेस के नेता कभी सेना के शौर्य पर सवाल उठाते हैं, तो कभी मसूद अजहर को जी कहकर पुकारते हैं. ऐसी सियासत पर धिक्कार है...

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