नाम राहुल गांधी, काम राजनीति, ओहदा कांग्रेस के युवराज.. वैसे तो राहुल बाबा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से ग्रेजुएशन की, उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से एम.फिल. भी की, मगर शायद उनकी बदकिस्मती ही है कि वो राजनीति में आ गए. कांग्रेस के युवराज और गांधी परिवार के वारिस के उपर पार्टी को मजबूत करने का दरोमदार था, यूं कहें अभी भी है. अफसोस इस बात का है कि राहुल की कुछ हरकतों के चलते उनका खूब मजाक उड़ाया जाता है. आपको ऐसे ही 5 अनोखे किस्सों के बारे में हम बता रहे हैं.
1). संसद में राहुल ने मारी आंख
2019 लोकसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राफेल डील पर जबरदस्त बवाल काटा था. राफेल डील में घोटाले का आरोप लगाते हुए वो कभी चौकीदार चोर, तो कभी सदन नैन-मटक्का करते दिखाई दिये. जनवरी 2019 की बात है. एक तरफ जहां तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने सरकार की तरफ से कमान संभालते हुए कांग्रेस को घेर रही थी, लेकिन राहुल गांधी को उस वक्त हर बात में राफेल डील एक घोटाला दिखता था. सदन में निर्मला सीतारमण की बात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए. राहुल गांधी के बोलने के तुरंत बाद सांसद तंबी दुराई ने निर्मला सीतारमण से कुछ सवाल पूछे. माहौल बिल्कुल सीरियस था, लेकिन राहुल बाबा को उस चर्चा में मजाक सूझ रहा था. तभी तो उस वक्त तंबी दुराई के ठीक पीछे बैठे राहुल गांधी ने मजाकिए लहजे में भरे सदन में दूसरी बार आंख मारी.
ये कोई पहली बार नहीं था, जब संसद में राहुल गांधी ने आंख मारी थी. इससे पहले कुछ वर्ष पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के पास जाकर उन्हें गले लगाया था और उसके बाद भी उन्होंने कुछ इसी अंदाज में आंख मारी थी. राहुल की ऐसी हरकतों के चलते वो दोनों ही बार सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुए थे.
2). राहुल ने स्वीकारा मैं पप्पू हूं
राहुल गांधी को उनके विरोधी राजनीति का पप्पू (Pappu) कहकर पुकारते हैं. राहुल गांधी अकसर अपने भाषणों में ऐसी गलतियां करते हैं, जिसके चलते उनका मजाक बनता है. लेकिन एक बार तो सदन में उन्होंने खुद के लिए ही पप्पू शब्द का इस्तेमाल कर लिया था. राहुल बाबा की इस बात पर पूरा सदर ठहाके लगाने लगा था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी उस वक्त खुद को रोक नहीं पाया और वो भी जोर से हंसने लगे.
दरअसल राहुल गांधी ने 2018 में सदन को संबोधित करते हुए कहा था कि 'आपके अंदर मेरे लिए नफरत है, आपके अंदर मेरे लिए गुस्सा है, आपके लिए मैं पप्पू हूं. मगर मेरे अंदर आपके खिलाफ इतना भी गुस्सा, इतनी सी भी नफरत, इतना सा भी क्रोध नहीं है. मैं कांग्रेस हूं और ये सब कांग्रेस हैं.' राहुल की इसी बात पर सदन में मौजूद हर कोई हंसने लगा. राहुल की ये पप्पू वाली टिप्पणी खूब वायरल भी हुई थी.
3). मंच पर राहुल की खाली जेब
वैसे तो राहुल गांधी अपनी ऊल-जलूल बातों के लिए मशहूर हैं, लेकिन कभी-कभी वो ऐसा कृत्य भी कर देते हैं जिससे उनकी जमकर खिल्ली उड़ती है. ऋषिकेष में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कुछ ऐसा ही किया था. दरअसल, उस वक्त राहुल की फटी जेब सामने आई थी.
नोटबंदी के बाद राहुल गांधी ने शायरी की और से अपनी फटी जेब दिखाई, जो उनको उस वक्त भारी पड़ गया था. दरअसल नोटबंदी के बाद एक सभा में उन्होंने जनता को अपनी फटी जेब दिखाई, लेकिन अपनी इस करतूत से उल्टे राहुल गांधी हंसी के पात्र बन गए. इतना तो ठीक था, इसके बाद एक मौका ऐसा आया जब राहुल गांधी को नेपाल (Nepal) दूतावास में सांत्वना संदेश लिखना था. राहुल ने उस वक्त अपने जेब से मोबाइल निकाली और उसमें देखकर सांत्वना संदेश लिखने लगे. खैर, हर कोई समझदार है.
4). कानून और बिल में अंतर नहीं मालूम
राहुल गांधी ने इस बात को बार-बार साबित किया है कि उनके होम वर्क की कमी ही अल्पज्ञान का कारण है. हाल ही में राहुल गांधी ने ये साबित किया था कि उन्हें कानून और बिल में फर्क नहीं मालूम है. वो अपने एक संबोधन में कानून को बार-बार बिल कहकर संबोधित कर रहे थे.
राहुल गांधी की फिर फिसली जुबान, नासमझी का बड़ा सबूत
ज़ी हिन्दुस्तान की इस खबर का असर राहुल के उपर दिखा. अगरी बार कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी ने जब मीडिया के सामने कानून के बारे में बोला, तो उन्होंने एक बार फिर कानून को बिल नहीं कहा.
5). राहुल ने माना मैं गलतियां करता हूं
राहुल गांधी ने सदन में इस बात को भी स्वीकार है कि वो गलतियां करते हैं. दरअसल, एक बार संसद में होलते हुए राहुल ने कहा था कि 'पहले पेट्रोल 130 डॉलर प्रति बैरल हुआ करता था और 35 रुपए प्रति बैरल है.. 35 डॉलर सॉरी, भईया मैं RSS का नहीं हूं मैं गलतियां करता हूं. मैं RS का, मैं आपका नहीं हूं. मैं सबकुछ जानता नहीं हूं, सबकुछ समझता नहीं हूं. मगर उस पैसे का एक रुपया जनता को नहीं मिला. महिलाओं को नहीं मिला, बहनों को नहीं मिला, माताओं को मिला... नहीं मिला, बड़े-बड़े उद्योगपतियों को दिया जा रहा है, मगर उनका जो कष्ट है, उनकी जो मुश्किलें हैं कम नहीं किया जा रहा.'
यहां तक तो ठीक था, इसी भाषण के दौरान राहुल गांधी ने UPA सरकार में बनी योजना MGNREGA का नाम नारेगा बताने लगे. थोड़ी देर बार फिर उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी और दो तीन बार मनरेगा-मनरेगा बोलने लगे. राहुल बाबा ने इसके बाद इस योजना का पूरा नाम बोलने की भी कोशिश की, लेकिन शायद उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) का फुल फॉर्म नहीं मालूम था. इसी के चलते राहुल गांधी ने इसका नाम महात्मा गांधी योजना कहकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की, उनको फिर भी ये नहीं समझ आया कि उन्हें क्या बोलना है इसीलिए उन्होंने इस दौरान सावरकर का भी नाम ले लिया. जनाब ने इसी भाषण में एक बार फिर कहा कि 'देखो भईया आप लोग एक बात समझ लो, हमारे आपके बीच में यही अंतर है कि आप लोग सबकुछ जानते हो और आप लोग कभी जिंदगी में गलती नहीं करते हो, हम लोग गलती करते हैं लोगों की सुनते हैं. हम सबकुछ जानते नहीं हैं.'
राहुल गांधी की जुबान बार-बार फिसल जाती है, शायद उनको ही इस बात का अंदाजा नहीं रहता कि उन्हें बोलना क्या है और उन्होंने क्या बोल दिया है. राहुल गांधी के ऐसे अनेकों किस्से हैं, जिसके जरिए उनकी राजनीतिक सूझ-बूझ का अंदाजा लगाया जा सकता है. बाकि कांग्रेस और राहुल की हालत फिलहाल बिल्कुल एक जैसी ही है, ये कहें कि राम भरोसे..
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