नई दिल्ली: पूरी दुनिया कोरोनावायरस के खतरे से निपटने की जंग लड़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सार्क देशों समेत दुनिया भर के नेताओं से कोरोना के खिलाफ मजबूत रणनीति बनाने की अपील कर चुके हैं. जिसका सार्क ने भी स्वागत किया है, हालांकि कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं की सियासत घूम फिर कर मोदी विरोध पर आ गई है.


कोरोना से लड़ाई, 'सियासत' पर क्यों आई?


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राहुल गांधी को न तो सरकार के दावों पर भरोसा है और न ही उसकी कोशिशों पर कोई दम नजर आ रहा है. वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने तो कोरोना के बहाने मुस्लिम कार्ड खेल दिया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि "कुछ दिनों से मैं कह रहा था कि ये जो कोरोनावायरस का प्रॉब्लम है, वो बड़ी सीरियस प्रॉब्लम है और उस पर भी सरकार ने जिस प्रकार से एक्शन लेना था नहीं लिया."


राहुल-प्रियंका को 'कोरोना' से लड़ना है या मोदी से?


वहीं अपने भाई राहुल के सुर में सुर मिलाते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ये कह दिया कि "आपको मालूम होगा कि कोरोनावायरस को WHO ने महामारी घोषित कर दिया है. इसका मतलब है कि हम सबको बहुत सावधान और सतर्क रहना पड़ेगा."


कोरोना पर महबूबा मुफ्ती का 'मुस्लिम कार्ड' क्यों?


जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कोरोना पर मुस्लिम कार्ड खेला तो दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि "अब ये पता नहीं 4G से कोरोना का क्या रिश्ता है ये वही लोग समझ सकते हैं. कृपया कोरोना का मजाक ना उड़ाएं  सावधान रहे वो लोग क्योंकि कोरोना एक ऐसी बीमारी है जो कास्ट और रिलीजन नहीं देखता इसके लिए सरकारों को भी तत्पर होना चाहिए और नेताओं को भी बहुत संभाल के बोलना चाहिए ताकि उसकी गंभीरता से खिलवाड़ ना हो."


विपक्ष कब तक फैलाएगा अफवाह वाला 'वायरस'?


कांग्रेस नेताओं में तो मानिए होड़ मची है कि सरकार को कोरोना के मसले पर घेरा जाए. इसकी कड़ी में कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने कहा कि "प्रधानमंत्री साहब ये ना बोले कि घबराना नहीं है हमारी तैयारी क्या है अब जिस तरह से कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है तो अगर ये संख्या बढ़ती रही तो क्या ये हमारी तैयारी है?"


'वायरस' के बहाने विपक्ष फैला रहा है अर्थव्यवस्था वाला डर?


वहीं AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि "बहुत जरूरत है इस वक्त कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ऐसे कदम उठाए जो हो सकता है आपको लगे कि इस वक्त अतिरिक्त हम कोई प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये जरूरत है समय की."


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ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि कोरोना की लड़ाई, सियासत पर क्यों आई? और राहुल-प्रियंका को कोरोना से लड़ना है या मोदी से? क्योंकि जब कोरोना पर दुनिया एकजुट हो गई है तो विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर सरकार के प्रति अपना गुस्सा निकालना शुरू कर दिया है.


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