भोपाल: लंबे समय से देश में सियासी उठापटक और गहमागहमी नेपथ्य में चली गयी थी. सिर्फ कोरोना संक्रमण पर मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस आधारहीन और बेतुकी सियासत कर रही थी. अब मध्यप्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. भमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार को एक महीना भी पूरा हो चुका है. साथ ही कुछ नए मंत्री भी सरकार का हिस्सा बन चुके हैं. अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक उन्हें केंद्र की मोदी सरकार में मानते बनाने की मांग कर रहे हैं.


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भाजपा की सरकार बनवाने में सिंधिया का अहम योगदान


मध्यप्रदेश की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव के सूत्रधार ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे. उन्होंने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को उखाड़ फेंका और भाजपा की सरकार बनवा दी. अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों का इस्तीफा दिलवाकर सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को गिरा दिया. बाद में पूरे दलबल के साथ ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजने का वादा किया था जो उसने पूरा भी कर दिया है.


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केंद्र में मंत्री बनाने की मांग


ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक चाहते हैं कि सिंधिया जल्दी से जल्दी केंद्र सरकार में मंत्री बनाये जाएं क्योंकि भाजपा की सभी मांगों को उन्होंने पूरा कर दिया और अब भाजपा की जिम्मेदारी है कि वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के मनोरथ पूरे करे. सिंधिया समर्थक शिवराज सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करके इसकी मांग रखी.


कांग्रेस नहीं भुला पा रही है सिंधिया के जाने का गम


कांग्रेस के नेताओं को अब भी बहुत गम है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उन्हें छोड़कर चले गए. दबी जुबान में कई नेता ये स्वीकार कर रहे हैं. कुछ दिन पहले कांग्रेस ने सिंधिया के पूर्व लोकसभा क्षेत्र के शौचालय की तस्वीर ट्वीट करके उन पर निशाना साधा था. तब जोरदार पलटवार करके सिंधिया ने दिग्विजय सिंह की बखिया उधेड़ दी थी.


सिंधिया ने ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस को किया था मजबूत


उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव की अगुवाई ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की और उसे मजबूती प्रदान की. कांग्रेस को बहुमत मिला तो उन्हें मुख्यमंत्री न बनाकर कमल नाथ की ताजपोशी की गई, फिर भी वह पार्टी से बंधे रहे. ज्योतिरादित्य के साथ लगातार छल हुआ तो उन्होंने अहंकार में डूबी कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास करा दिया. इसके बाद पूरी शान से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने.