रियाज नायकू को जहन्नुम भेजा तो, पत्थरबाजों ने सुरक्षाबलों को ऐसे बनाया निशाना

अवंतिपोरा में सुरक्षाबलों की गाड़ी पर कुछ लोग इस तरह से गुस्सा निकाल रहे हैं. जैसे ये किसी देशद्रोही की गाड़ी हो, ये पत्थरबाजी गवाही देती है कि कश्मीर में अभी भी पत्थरबाजों के हाथ आतंकवादियों के साथ हैं...

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 7, 2020, 09:37 AM IST
    • आतंकियों का खात्मा, पत्थरबाजों का विलाप
    • पत्थरबाजों को ढाल बनाओगे तो भी मारे जाओगे
    • कब सुधरेंगे कश्मीर के पत्थरबाज?
    • आतंकी का खात्मा, पत्थरबाजों से सामना
    • आतंक के खिलाफ अब आखिरी 'महाभारत'?
रियाज नायकू को जहन्नुम भेजा तो, पत्थरबाजों ने सुरक्षाबलों को ऐसे बनाया निशाना

नई दिल्ली: कश्मीर में कुख्यात आतंकी रियाज नायकू का खात्मा हो गया, सुरक्षाबलों के लिए ये एक बड़ी कामयाबी है. लेकिन देश के रक्षकों को पत्थरबाजों का सामना करना पड़ा. रियाज नायकू के खात्मे से घाटी में सिर्फ आतंकवाद को ही गहरा सदमा नहीं पहुंचा है बल्कि पत्थरों की धड़ाधड़ बरसात करने वाले और सुरक्षाबलों की गाड़ी पर डंडों से हमला करने वालों का भी कलेजा फट गया है.

आतंकियों का खात्मा, पत्थरबाजों का विलाप

आतंकी रियाज नायकू के खात्मे पर पत्थरबाजों का विलाप करना मानिए आम बात है. आपको एक VIDEO जरूर देखना चाहिए, ये पुलवामा के बेगपुरा में उसी जगह की तस्वीरें हैं, जहां पर रियाज नायकू का एनकाउंटर हुआ.

आतंकी का खात्मा, पत्थरबाजों से सामना

गाड़ी को चारों तरफ से लोगों ने घेर लिया और कई पत्थरबाज़ सुरक्षाबलों की इस गाड़ी के ऊपर भी दिखे. आतंकी रियाज नायकू के एनकाउंटर के बाद ये पत्थरबाजों का फ्रंसटेशन है.

आतंक के ख़िलाफ़ अब आखिरी 'महाभारत'?

हैरानी की बात ये है कि ये वही लोग थे, जिन्हें सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर शुरू होने से पहले घरों से सुरक्षित बाहर निकाला था, जिससे इन लोगों पर कोई खतरा ना आए। लेकिन यही लोग बाद में सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंक रहे थे.

सुरक्षाबलों की गाड़ी पर हमला

कश्मीर घाटी में पत्थरबाज लौटे आए है. आज से 5 दिन पहले 2 मई को भी पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान पत्थरबाजी की घटना हुई थी.

आतंक के नायकू के एनकाउंटर के बाद ये पत्थरबाजी ग्वाही देती है कि कश्मीर में अभी भी पत्थरबाजों के हाथ आतंकवादियों के साथ हैं. जो नहीं चाहते कि कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने में लगी सेना कामयाब हो. लेकिन वो नहीं जानते की अब आतंकियों का जनाजा नहीं, सिर्फ कब्र खुदेगी.

सुरक्षाबलों की गाड़ी पर पथराव 

जब भी सेना किसी आतंकवादी का एनकाउंटर करती है तो एनकाउंटर वाली जगह पर पत्थरबाजों की जमात एक्टिव हो जाती है.

कश्मीर के पुलवामा में दो जगह एनकाउंटर हुए, जिसमें चार आतंकवादी मार गिराए गए हैं. चारों आतंकवादियों की लाश उनके परिवार को नहीं दी गई है. इन आतंकवादियों के शव उनके परिवारों को नहीं दिया जाना चाहिए.

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क्योंकि इन आतंकवादियों के अंतिम संस्कार के ज़रिए उन्हें हीरो बनाया जाता है. आतंकियों को पोस्टर ब्वॉय बनाने वाला खेल खत्म होने वाला है.

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