नई दिल्ली: आजादी के बाद से भारत पर सबसे अधिक राज करने वाली सियासी पार्टी कांग्रेस का चरित्र हर रोज मैला होता जा रहा है. कभी हिन्दुओं के खिलाफ प्रोपेगेंडा, तो कभी संविधान और न्यायपालिका के खिलाफ सियासी रणनीति, कभी सेना पर सवाल तो कभी हिन्दुस्तान से बगावत और पाकिस्तान से गठबंधन जैसी करतूत को अंजाम देकर कांग्रेसी नेताओं ने देशविरोधी राह को अपना लिया है.


कांग्रेस पार्टी को पाकिस्तान से हमदर्दी


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कहने को तो कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है, लेकिन जब गुणगान की बात आती है तो कांग्रेसियों को पाकिस्तान अच्छा लगने लगता है. ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं. इस बार शशि थरूर ने अपने पाकिस्तान प्रेम का प्रदर्शन किया है.



कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत की और भारत की बुराई तक कर दी. इतना ही नहीं, उन्होंने कोरोना मामले में भारत की स्थिति को पाकिस्तान से खराब बताया है. साथ ही पाकिस्तान की सराहना भी की.


शशि थरूर का जमातियों से प्रेम


शशि थरूर ने तबलीगी ज़मात भारत में पीड़ित को बताया है. और कहा कि 'कोरोना से बेहतर तरीके से निपटने पर हमें पाकिस्तान से जलन हो रही. मुस्लिम होने की वजह से तबलीगी ज़मात को निशाना बनाया गया.' विकास को लेकर शशि थरूर ने चीन की तारीफ की.


ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब कांग्रेसी नेताओं का पाकिस्तान प्रेम खुलकर सामने आया है. इससे पहले भी कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने पाकिस्तान जाकर भारत की बुराई की है.


कांग्रेस नेताओं का 'पाकिस्तान प्रेम'


कांग्रेस नेताओं में सबसे पहले राहुल गांधी की बात बताते हैं. उन्होंने आतंकी मसूद अजहर को 'मसूद अजहर जी' कहा था. वहीं उनके चहेते नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को 'फरिश्ता' बता दिया था. दिग्विजय सिंह ने तो आतंकी हाफिज को 'हाफिज साहब' तक कह दिया था. इसके अलावा कांग्रेस नेता बी के हरिप्रसाद ने ये आरोप लगाया था कि 'पुलवामा हमला मोदी और पाकिस्तान के बीच 'मैच फिक्सिंग' है.' वहीं मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि भारत-पाक के बीच बातचीत तभी आगे बढ़ेगी जब मोदी 'पीएम पद से हटेंगे'.


ये तो पुरानी बातें हैं, लेकिन एक बात समझ नहीं आ रही है कि आखिर कांग्रेस पार्टी ने प्लानिंग के तहत इन दिनों पाकिस्तान हितों से जुड़े मुद्दे को क्यों उठा रही है? शशि थरूर पहला मामला नहीं है, इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए वहां के मुख्य राजनीतिक दलों के गठबंधन बनाने का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान हटाने संबंधी फैसलों को निरस्त करना चाहिए.


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पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए साथ आए क्षेत्रीय दलों का साथ आना एक ऐसा घटनाक्रम है, जिसका भारत के सभी लोगों को स्वागत करना चाहिए.


जिन्ना को प्रेम करती है कांग्रेस पार्टी?


जिस जिन्ना की लगाई आग में हज़ारों हिंदू-मुस्लिम जलकर ख़ाक हो गए. उसी जिन्ना प्रेमी गैंग के नेता बिहार चुनाव में भी पहुंच चुके हैं. कांग्रेस ने बिहार के जीले सीट से मशकूर अहमद उस्मानी को उम्मीदवार बनाया है. ये वही मशकूर है, जिसने 2018 में अपने जिन्ना प्रेम का खुलेआम AMU में प्रदर्शन किया था.


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कांग्रेस की सोच हिन्दुओं के खिलाफ


कांग्रेस पार्टी (Congress party) को हिंदुओं की भावनाओं की कतई चिंता नहीं. इसीलिए कांग्रेसी नेता उदित राज ने ये सवाल उठा दिया कि कुंभ (Kumbh mela) का आयोजन सरकारी खर्चे से क्यों? कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने पहले ही राम मंदिर का खुलकर विरोध किया है, जिससे ये साफ हो जाता है कि उन्हें हिन्दुओं की आस्था से कोई लेना देना नहीं है.


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थरूर पर बीजेपी का पलटवार


शशि थरूर की करतूत पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि "भारत की जनता सरकार के काम से संतुष्ट है. भारत ने न केवल देश में बल्कि दुनिया के देश में मदद पहुंचाई. शशि थरूर देश का अपमान कर रहे हैं. कांग्रेस ने कभी पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाया? क्या कांग्रेस पाकिस्तान में चुनाव लड़ना चाहती है?"


ये सवाल कांग्रेस पार्टी के लिए कड़वे जरूर हैं, लेकिन जिस पार्टी के नेता बार-बार पाकिस्तान प्रेम का प्रदर्शन करते हो और भारत की बुराई करके अपनी दुकान चलाते हो उनकी नीचता का स्तर आसानी से समझा जा सकता है. 


कांग्रेस-पाकिस्तान का महागठबंधन?


ये सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि जो कांग्रेस कहती है भी वहीं पाकिस्तान बोलने लगता है. कांग्रेस के सैम पित्रोदा ने कहा था कि पुलवामा हमले में पूरे पाकिस्तान का हाथ नहीं है. इसपर पाकिस्तान ने उस वक्त बोला था कि पुलवामा हमला भारत ने खुद कराया है. राहुल गांधी ने सेना-सरकार से बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे तो पाक ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का दावा झूठा करार दे दिया. कांग्रेस के संजय निरुपम ने सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जीकल स्ट्राइक कह दिया था. पाकिस्तान भी कुछ ऐसी ही भाषा बोलता दिखा था. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि 'आतंकी मरे या सिर्फ पेड़ गिरे'. सलमान खुर्शीद ने कहा था कि 'आतंकियों के मरने पर सोनिया गांधी रोईं.'


इतना ही नहीं पूरी दुनिया को पता है कि मुंबई हमले में पाकिस्तान का हाथ है, आतंकी संगठन ने खुद माना लेकिन फिल भी दिग्विजय सिंह ने कहा था कि 'मुंबई हमले में RSS का हाथ है.'


दुनिया भले इधर से उधर हो जाए, लेकिन अपनी राजनीति चमकाने के लिए सियासी ठेकेदार कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार बैठे रहते हैं. खास तौर पर कांग्रेस के कुछ महानुभाव, जिन्हें भारत से न जाने कौन सी परेशानी और पाकिस्तान से न जाने कौन सा लगाव है. कांग्रेस पार्टी की ऐसी सियासत का नजारा देखकर जुबान से एक ही शब्द निकलता है, "लानत है"


सवाल वही है कि आखिर कांग्रेस के चरित्र में क्या यही है कि "हिन्दुस्तान में खाओ, पाकिस्तान की गाओ"


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